पूर्णिया. रूपौली विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बजते ही पूर्णिया में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. पार्टी टिकट को लेकर जोड़-तोड़ भी शुरू हो चुकी है. विभिन्न दलों के नेता टिकट के लिए पटना का बस पकड़ चुके हैं या फिर पकड़ने वाले हैं. लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद बिहार की एकमात्र सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई है. बदले समीकरण और बदली हुई परिस्थिति में होनेवाले इस उपचुनाव में किसी भी पार्टी के लिए जीत की राह आसान नहीं होगी.
यह सीट पांच बार से विधायक रह चुकीं बीमा भारती के इस्तीफा देने से खाली हुई है. तब बीमा जदयू में थीं और अब राजद में हैं. एक बात और, पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू और भाजपा एक साथ लड़ी थी जबकि राजद और वामदल एक साथ. जबकि लोजपा अकेले चुनाव लड़ रही थी. सीटिंग होने की वजह से यह सीट जदयू के खाते में गयी थी. इस बार एनडीए गठबंधन में जदयू, भाजपा और लोजपा एकसाथ है. ऐसे में जदयू और लोजपा के बीच प्रत्याशी को लेकर खींचातनी हो सकती है. राजद ने यह सीट सीपीआइ को दे दी थी. इस बार यह सीट किसके खाते में जायेगी यह भी यक्ष प्रश्न है.
प्रत्याशियों को लेकर दलों में मंथन शुरू
एनडीए और महागठबंधन में प्रत्याशियों को लेकर मंथन शुरू हो गया है. सूत्रों के अनुसार, आजकल में दोनों गठबंधन की बैठक पटना में होनेवाली है. जदयू में प्रत्याशी को लेकर हलचल तेज है. बीमा के बाद कौन मजबूत प्रत्याशी होगा इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार जदयू में जिन प्रत्याशियों के नाम चल रहे हैं उनमें कलाधर प्रसाद मंडल का नाम सबसे आगे है. शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आये कलाधर मंडल 2020 के विधानसभा चुनाव में पहलीबार निर्दलीय खड़े हुए थे. उन्हें छह हजार से अधिक वोट मिले थे. उनकी पत्नी भी मुखिया है. कहा जा रहा है कि लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान मंत्री लेशी सिंह ने कलाधर मंडल को सीएम नीतीश कुमार से भी मिलवाया था. इसके अलावा परमानंद मंडल के नाम भी चल रहे हैं.
शंकर सिंह भी टिकट की होड़ में शामिल हैं. जहां तक राजद का सवाल है, अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीमा भारती एकबार फिर रूपौली सीट से अपना भाग्य आजमा सकती हैं. बीमा भारती 2005 में राजद के टिकट से एक बार जीत चुकी हैं.
इस बार पप्पू यादव फैक्टर भी काम करेगा
2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्णिया से जदयू से सांसद थे. अब पप्पू यादव सांसद हैं. उपचुनाव में उनके होने का भी चुनाव में इंपैक्ट पड़ेगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में तेजस्वी-पप्पू यादव के बीच बढी दूरिया़ं किसी से छूपी नहीं है. एेसे में इसका असर उपचुनाव पर कितना पड़ेगा, यह देखने की बात होगी. हालांकि लोकसभा चुनाव में वे रूपौली विधानसभा सीट से पिछड़ गये थे लेकिन यादव-मुस्लिम के साथ अन्य पिछड़ी जातियों में उनकी पकड़ से इंकार नहीं किया जा सकता है.
2020 में पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे
2020 के विधानसभा चुनाव में रूपौली सीट से कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इनमें जदयू से बीमा भारती, लोजपा से शंकर सिंह और सीपीआई से विकास चंद्र मंडल प्रमुख रूप से शामिल थे. इस चुनाव में बीमा भारती ने लोजपा प्रत्याशी शंकर सिंह को करीब 19 हजार से अधिक मतों से हराया था. बीमा को 64,324 और शंकर सिंह को 44994 मत आये थे जबकि सीपाई के विकास चंद्र मंडल 41963 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे.
आंकड़ों पर एक नजर
- मतदाता – 3,13,599
- पुरुष – 161688
- महिला – 151895
- अन्य- 16
- मतदान केंद्र- 321
- प्रखंड- 03
- पंचायत-42
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