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ऑनलाइन परीक्षा केंद्र की आड़ में फलफूल रहा था लाखों की कमाई का गोरखधंधा

ऑनलाइन परीक्षा केंद्र की आड़ में

तीन पार्टनर की मिलीभगत से एक साल से संचालित था पूर्णिया डिजिटल ऑनलाइन सेंटरपूर्णिया. ऑनलाइन परीक्षा केंद्र की आड़ में लाखों की कमाई का गोरखधंधा यहां काफी दिनों से फलफूल रहा था. इस गोरखधंधे में एक संगठित गिरोह सक्रिय था जिसका नेटवर्क पूरे सूबे में फैला हुआ था. अबतक की पुलिसिया छानबीन में कई और सफेदपोश चेहरे भी बेनकाब होने की संभावना जतायी जा रही है जो पर्दे के पीछे से इस गिरोह के संरक्षण दे रहे थे. गौरतलब है कि पूर्णिया पुलिस ने पिछले दिनों गुलाबबाग के हासदा रोड स्थित पूर्णिया डिजिटल ऑन लाइन एक्जामिनेशन सेंटर में छापेपारी कर इस फर्जीवाड़ा का न केवल भंडाफोड़ किया बल्कि तीन दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया. इस सेंटर पर एसएससी की एमटीएस की परीक्षा ली जा रही थी. इसी बीच पुलिस को इस फर्जीवाड़ा की भनक मिल गयी. एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि एसएससी की एमटीएस परीक्षा में किये जा रहे फर्जीवाड़ा का मुख्य सरगना कटिहार जिले का रोशन नाम का व्यक्ति है. इस खेल में पटना का एक व्यक्ति बतौर मैनेजर के रूप में था. उन्होंने बताया कि यह बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा गिरोह है, जिसमें राज्य के दर्जनों जिले के लोग शामिल है.

किराये के मकान में चल रहा था सेंटर

पूर्णिया डिजिटल के नाम से यह ऑन लाइन एक्जामिनेशन सेंटर गुलाबबाग के हासदा रोड में विगत एक साल से एक किराये के मकान में चल रहा था जहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की आड़ में फर्जीवाड़ा चल रहा था. यह भवन कसबा के रहनेवाले एक व्यवसायी का है. जानकारी के मुताबिक, यहां मालदा, पटना एवं कटिहार के रहनेवाले तीन पार्टनर के साझेदारी में डिजिटल एक्जामिनेशन का फर्जीवाड़ा चल रहा था. अब तक के पुलिसिया अनुसंधान में डिजिटल एक्जामिनेशन सेंटर के तीनों पार्टनर की पहचान हो चुकी है, जिसके गिरफ्तारी के लिए पुलिस जाल बिछा रही है.

बाहरी आदमी चला रहे थे सेंटर

हासदा रोड के स्थानीय लोगों ने बताया कि ऑनलाइन एक्जामिनेशन सेंटर को सभी बाहर के लोग चला रहे थे. इन्होंने एक्जामिनेशन सेंटर के बगल में ही पहली मंजिल पर एक फ्लेट किराये पर ले रखा था, जहां बाहर से पहुंचे लोगों को ठहराया जाता था.उन्होंने बताया कि डिजिटल एक्जामिनेशन सेंटर के सभी बाहर के जिलों के लोगों द्वारा चलाया जा रहा था. इसमें स्थानीय लोगों की भूमिका नहीं पायी गयी है. उन्होंने बताया कि सेंटर चलाने वालों का एक एग्रीमेंट पेपर मिला है. एग्रीमेंट करानेवाले विभिन्न जगहों के हैं. इसमें एक व्यक्ति शेखपुरा के बरबीघा का, एक व्यक्ति वैशाली का, एक व्यक्ति नालंदा का और एक पटना का पाया गया है. साथ ही इसमें एक कटिहार का व्यक्ति है, जिसकी प्रमुख भूमिका पायी गयी है. फर्जीवाड़ा में आये हुए ज्यादातर व्यक्ति वैशाली, नालंदा एवं पटना के रहनेवाले हैं.एसपी ने बताया कि जांच के दौरान उड़नदस्ता वालों की गतिविधि भी संदिग्ध पायी गयी है. इसकी जांच की जा रही है. सबूत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.

साइबर थाना में 39 लोगों के विरुद्ध एफआइआर, 35 भेजे गये जेल

साइबर थाना के डीएसपी सह थानाध्यक्ष अनुराग कुमार ने बताया कि पूर्णिया डिजिटल एक्जामिनेशन सेंटर के फर्जीवाड़ा में अब तक 39 लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया गया है. इनमें 16 फर्जी छात्र, 12 मूल छात्र एवं सेंटर के 7 कर्मी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़ा में एसएससी के एक कर्मी की संलिप्तता पायी गयी है. उक्त कर्मी के विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज किया गया है.

फोटो. 15 पूर्णिया 9- सील हुआ ऑनलाइन डिजिटल एक्जामिनेशन सेंटर.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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