प्रतिनिॆधि, अमौर. अमौर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ का पानी घटने के बाद क्षेत्र में बाढ़ की तबाही का मंजर उभरने लगा है . क्षेत्र में बाढ़ से सबसे अधिक क्षति किसानों की हुई है. बाढ़ के पानी में डूबने से क्षेत्र के किसानों के हजारों हेक्टेयर में लगी धान की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई है.इससे क्षेत्र के किसान हताश व निराश हैं . इस प्रखंड में किसानों की 80 प्रतिशत फसल नुकसान होने का अनुमान है. प्रखंड क्षेत्र में दो लाख से अधिक आबादी जहां बाढ़ से प्रभावित हुई वहीं नदी कटाव से सैकड़ों परिवार विस्थापित हो चुके हैं.कटाव प्रभावित परिवार आसरे की तलाश में दर दर भटक रहे हैं. बाढ़ की चपेट में क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों की ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है और बाढ़ की तेज धारा में जगह जगह ग्रामीण सड़कें कट गई हैं. प्रखंड के रंगरैया लालटोली गांव में दास पुल के समीप एप्रोच पथ बाढ़ की तेज धारा में पूरी तरह कट गया और क्षतिग्रस्त हो गया है . इसके कारण इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है. खाड़ी महीनगांव पंचायत में खाड़ी हाट से ताराबाड़ी जाने वाले मार्ग गच्छगरैया चनकी गांव के समीप प्रधानमंत्री सड़क कनकई नदी की तेज धारा में पूरी तरह से ध्वस्त हो गया और मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है . बडाईदगाह पंचायत के सरबेली गांव में ताहिर चौक से भेड़ाघाट की ओर जाने वाली प्रधानमंत्री सड़क बाढ़ की तेज धारा में जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गयी है. इसी पंचायत के सरबेली घाट पर वर्ष 2008 में बना आरसीसी पुल बाढ़ की तेज धारा में ध्वस्त हो गया और इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल ध्वस्त होने से लगभग 3 गांव की हजारों की आबादी प्रभावित हो रही है. इसी प्रकार भौकरी गांव जाने वाली सड़क भी बाढ़ की चपेट में कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गयी है. गेरूआ-कसबा मार्ग में पुलकट्टा धार पुल का एप्रोच पथ पर कई स्थानों पर गहरा रेनकट बन गया है. विष्णुपूर काली मंदिर के समीप पीसीसी ढलाई सड़क नीचे खोखली हो गयी है. प्रखंडवासियों ने त्वरित सकारात्मक पहल की मांग जिला प्रशासन व ग्रामीण कार्य विभाग से की है . फोटो : 18 पूर्णिया 23,24- अमौर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की तबाही का मंजर
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