– पूर्णिया कॉलेज में दो दिवसीय नेशनल सेमिनार आयोजित – वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष ने किया संबोधित पूर्णिया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में तकनीकी शब्दावली : इतिहास एवं संस्कृति विषय पर पूर्णिया कॉलेज में गुरुवार को दो दिवसीय नेशनल सेमिनार के उदघाटन सत्र में वर्चुअल माध्यम से भाग लेते हुए वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो गिरीशनाथ झा ने कहा कि शब्दावली पर शोध और कोर्स के लिए छात्र-छात्रा आगे आएं. यह विषय राष्ट्रीय महत्व और एकरूपता का है. उन्होंने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने विवि या कॉलेज के वाइफाइ के माध्यम से आयोग की वेबसाइट और पोर्टल से जुड़े. उन्होंने कहा कि आयोग का कार्य मानक शब्दावली तैयार करने से संबंधित है. अभी हम इसरो, डीआरडीओ जैसे संगठन को भी सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नयी शब्दावाली तैयार करने में भी छात्र-छात्राएं और शिक्षक हमारे मददगार हो सकते हैं. इसके लिए हम उन्हें अंग्रेजी के नये चयनित शब्द देंगे. स्थानीय भाषा में उनका मानक शब्द सुझाव के रूप में भेजें. पैनल अगर संतुष्ट हुआ तो आपके द्वारा सुझाया गया शब्द हमारे कोष का हिस्सा बन जायेगा. इससे पहले कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने सेमिनार का विधिवत उदघाटन किया. पूर्णिया कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो शंभुलाल वर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि यह सेमिनार मील का पत्थर साबित होगा. इस मौके पर एलएनएमयू के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने बीज वक्तव्य दिया. आयोग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. शहजाद अंसारी भी अपने विचार रखें. मंच संचालक डा. सविता ओझा ने किया. सेमिनार के संचालन में संगोष्ठी समन्वयक प्रो मनमोहन कृष्ण, संगोष्ठी सह समन्वयक प्रो. सुनील कुमार तत्पर रहे. संगोष्ठी में डीएसडब्लू प्रो. मरगूब आलम, कुलानुशासक प्रो. पटवारी यादव, प्रो इश्तियाक अहमद, डॉ अंकिता विश्वकर्मा, डा राकेश रोशन सिंह, प्रो प्रमोद कुमार सिंह, प्रो राकेश, प्रो सीके मिश्रा, डॉ निरुपमा राय आदि ने भाग लिया. रिसर्च में हर सहूलियत देंगे, आउटपुट पर ध्यान दें शिक्षक : कुलपति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में तकनीकी शब्दावली : इतिहास एवं संस्कृति विषय पर पूर्णिया कॉलेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन करते हुए पूर्णिया विवि के कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने कहा कि रिसर्च के कार्यों में शिक्षकों को हर प्रकार की सहूलियत प्रदान की जायेगी. कोई असुविधा होगी तो उसका त्वरित समाधान किया जायेगा. मगर जरूरत इस बात की है कि इनपुट की तुलना में आउटपुट भी दिखना चाहिए. यह आउटपुट अनिवार्य रूप में से छात्र-छात्राओं में दिखना चाहिए. कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने काफी साफगोई से कहा कि मैं अच्छे कामों को करने में यकीन रखता हूं. अच्छे लोगों को साथ लेकर चलना चाहता हूं. टीचर अगर रिसर्च में लगेंगे तो स्टुडेंट भी इससे मोटिवेट होंगे. स्टुडेंट्स से अपील है कि वे नियमित रूप से क्लास करें. अच्छे मुकाम को हासिल करने के लिए यह बेहद जरूरी है.
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