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पटना यूनिवर्सिटी : रेगुलर चार और वोकेशनल कोर्स तीन साल का होगा, क्रेडिट और ग्रेडिंग फॉर्मूला भी जानें

पीयू तीन साल का ही वोकेशनल कोर्स जारी रखेगा. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 20 से शुरू हो जायेगी. पीयू में रेगुलर और सेल्फ फाइनांस के तहत बीकॉम की पढ़ाई होती है.

पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) ने राजभवन की ओर से जारी नयी नियमावली को लेकर चार वर्षीय च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) नामांकन का प्रारूप तैयार कर लिया है. एडमिशन के लिए 20 मई से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. स्टूडेंट्स पांच जून तक आवेदन कर सकते हैं. पीयू में इस बार 12वीं के अंकों के आधार पर एडमिशन होगा. वहीं, पीयू वोकेशन कोर्स के लिए भी 20 मई से आवेदन जारी कर रहा है. वोकेशनल और रेगुलर के लिए स्टूडेंट्स को अलग-अलग आवेदन करना होगा. जो स्टूडेंट्स दोनों कोर्स के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे दो फॉर्म ऑनलाइन भरेंगे. डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ अनिल कुमार ने बताया कि रेगुलर कोर्स चार साल का होगा और वोकेशनल कोर्स तीन सालों का होगा. जो स्टूडेंट्स पहले से आवेदन कर चुके हैं, उनको फॉर्म एडिट करने का मौका मिलेगा. रेगुलर कोर्स में पहले से आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स अपने आवेदन में बदलाव करेंगे.

वोकेशनल कोर्स होगा तीन साल का

वोकेशनल कोर्स को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं होने से परेशानी बढ़ गयी है. पीयू तीन साल का ही वोकेशनल कोर्स जारी रखेगा. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 20 से शुरू हो जायेगी. पीयू में रेगुलर और सेल्फ फाइनांस के तहत बीकॉम की पढ़ाई होती है. दोनों के सिलेबस एक होने के कारण बीकॉम सेल्फ फाइनांस में चार साल का डिग्री कोर्स लागू होगा. बीकॉम सेल्फ फाइंनास में फीस में बदलाव होगा. वोकेशनल कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जायेगा. टेस्ट के बाद मेरिट लिस्ट जारी की जायेगी. इसी मेरिट के आधार पर एडमिशन होगा.

सीआइए में उपस्थिति व बिहेवियर पर मिलेंगे पांच अंक

चार साल के डिग्री कोर्स में ऑड व इवन सेमेस्टर फॉलो किया जायेगा. ऑड (1, 3, 5, 7) सेमेस्टर व इवन (2, 4, 6 व 8) सेमेस्टर होगा. ऑड सेमेस्टर जुलाई से दिसंबर व इवेन सेमेस्टर जनवरी से जून चलेगा. इसके साथ-साथ सेमेस्टर एग्जाम से पहले सीआइए भी होगा. सीआइए टोटल 30 मार्क्स का होगा. इसमें उपस्थिति व बिहेवियर पर पांच अंक मिलेगा. वहीं, सेमिनार, एसाइमेंट आदि पर 10 व मिड सेमेस्टर टेस्ट 15 अंकों का होगा. थ्योरी और प्रैक्टिकल कोर्स में यह लागू होगा. स्टूडेंट्स को चार साल की डिग्री कम-से-कम सात साल में पूरी करनी होगी. स्पेशनल केस में एकेडमि काउंसिल एक साल इसे और बढ़ा सकता है.

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क्रेडिट और ग्रेडिंग फॉर्मूला इस प्रकार

  • O (आउटस्टैंडिंग) के लिए 10 ग्रेड (90 से 100 प्रतिशत अंक) प्वाइंट मिलेगा

  • A (एक्सीलेंट) के लिए नौ ग्रेड (80 से 90 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.

  • A (वेरी गुड) के लिए आठ ग्रेड (70 से 80 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.

  • B (गुड) के लिए सात ग्रेड (60 से 70 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.

  • B (औसत से ज्यादा) के लिए छह ग्रेड (55 से 60 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.

  • C (औसत) के लिए पांच ग्रेड प्वाइंट(50 से 55 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.

  • P (पास) के लिए चार ग्रेड (45 से 50 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.

  • F (फेल) 45 प्रतिशत से नीचे को कोई प्लाइंट नहीं मिलेगा.

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