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बिहार सरकार के कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु होगी 60 से 62? जानें वित्त मंत्री विजय चौधरी ने क्या कहा

केंद्र सरकार यदि अपने कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करती है, तो बिहार सरकार भी इस पर विचार करेगी. केंद्र कर्मियों की तर्ज पर ही राज्य सरकार के कर्मियों की सेवा शर्तें निर्धारित की गयी हैं.

बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार यदि अपने कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करती है, तो बिहार सरकार भी इस पर विचार करेगी. केंद्र कर्मियों की तर्ज पर ही राज्य सरकार के कर्मियों की सेवा शर्तें निर्धारित की गयी हैं. यह सुझाव भी कर्मचारियों ने ही दिये थे. शुक्रवार को वित्तमंत्री विधानसभा में कांग्रेस के नेता अजीत शर्मा के राज्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के गैर सरकारी संकल्प का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा अपने कर्मचारियों के हित में काम करती है. हालांकि, सदस्य ने अपने संकल्प वापस ले लिया. अजित शर्मा ने कहा कि लोगों की औसत आयु बढ़ी है और यह 70 साल के करीब हो गयी है. औसत आयु में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार को कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु भी बढ़ानी चाहिए.

वाणिज्यकर विभाग के राजस्व संग्रह में 27 फीसदी की वृद्धि

वित्त व वाणिज्यकर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि वर्ष 2022-23 में वाणिज्यकर विभाग के राजस्व संग्रह में 27 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. इस दौरान 34,484 करोड़ का राजस्व संग्रह किया है. विभाग द्वारा कर संग्रह में यह बढ़ोतरी केंद्र से प्राप्त होने वाली क्षतिपूर्ति के बगैर दर्ज की गयी है. क्षतिपूर्ति की व्यवस्था जुलाई 2022 से पूरी तरह समाप्त हो जाने के बाद से यह वर्ष कर संग्रहण के दृष्टिकोण से काफी चुनौतीपूर्ण था.

विजय चौधरी ने कहा कि करदाताओं, अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग से वर्ष 2017-18 में विभाग का कर संग्रह 20277 करोड़ से बढ़ कर इस वर्ष 34484 करोड़ हो गया है.मंत्री ने कहा कि केंद्र से प्राप्त होने वाली क्षतिपूर्ति की राशि घटाने के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभाग का कुल राजस्व संग्रह 27,142 करोड़ था,जो चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में क्षतिपूर्ति के बगैर बढ़ कर 34484 करोड़ हो गया है.

वर्ष 2021-22 में कुल राजस्व संग्रह 35903 करोड़

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में विभाग का कुल राजस्व संग्रह 35903 करोड़ था, इसमें केंद्र से प्राप्त क्षतिपूर्ति की राशि 8760 करोड़ शामिल थी.चालू वित्तीय वर्ष में वाणिज्यकर विभाग को क्षतिपूर्ति मद में केवल 183.65 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं. इस वर्ष जीएसटी मद में 20.59 फीसदी की वृद्धि दर व नॉन जीएसटी मद में 43.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है , जबकि क्षतिपूर्ति के बगैर विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 27.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

विजय चौधरी ने कहा कि विभाग द्वारा सबसे अधिक ध्यान सर्विस सेक्टर पर केंद्रित किया गया था. साथ ही स्क्रूटनी, ऑडिट के साथ सेवा कर में चोरी के मामलों में निरीक्षण की कार्रवाई की गयी. विभाग के ऐसे प्रयासों से सकारात्मक असर हुए हैं. इससे न केवल गैप की भरपाई की गयी, बल्कि कर संग्रह के लिए कठिन लक्ष्य के विरुद्ध बेहतर राजस्व संग्रह में सफलता मिली.

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