बिहार में गैंडा और गिद्ध संरक्षण को केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल कर लिया है. साथ ही आर्थिक मदद के तौर पर पहली किस्त की राशि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को भेजने की शुरुआत भी कर दी है. फिलहाल करीब 70 लाख की राशि दी गयी है. अब विभाग ने गैंडा और गिद्ध का संरक्षण फिलहाल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में करने की योजना बनायी है. इस पर सैद्धांतिक काम शुरू हो गया है.
संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने बनायी ”राइनो टास्क फोर्स”
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में गैंडों के संरक्षण के उपाय सुझाने के लिए ”राइनो टास्क फोर्स” गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी सिफारिशों के आधार पर वीटीआर में गैंडा संरक्षण योजना शुरू होगी. अगले दो वर्षों में वीटीआर में गैंडा बाहुल्य क्षेत्रों को पांच प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
इन क्षेत्रों में स्थानांतरित किए जाएंगे गैंडे
गैंडों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बाहर निकाला जायेगा और वीटीआर में चिह्नित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जायेगा. संभावित क्षेत्रों के रूप में गनौली और मदनपुर की पहचान की गयी है. इस योजना का उद्देश्य गैंडों को प्रजनन और अपनी संख्या बढ़ाने के लिए अधिक जगह उपलब्ध करना है. फिलहाल वीटीआर में केवल एक गैंडा और पटना चिड़ियाघर में 14 गैंडे हैं.
विलुप्त हो रहे गिद्ध
विलुप्त हो रहे गिद्धों को राज्य में संरक्षण के लिए फिलहाल वीटीआर का चयन किया गया है. वहां ऐसे स्थानों की पहचान की जा रही है जहां गिद्ध दिखते हैं. उन जगहों पर गिद्धों के खाने की व्यापक व्यवस्था की जायेगी. साथ ही टावर बनाकर गिद्धों पर निगरानी रखी जायेगी. एंटी पोचिंग कैंप बनाये जायेंगे. राज्य में फिलहाल गिद्ध वीटीआर के अलावा सुपौल जिले में कुछ संख्या में दिखते हैं.
हर साल केंद्र सरकार से मिल सकेगी आर्थिक मदद
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एपीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि बाघ के बाद राज्य में गैंडा और गिद्ध संरक्षण को केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल कर लिया है. अब हर साल आर्थिक मदद मिल सकेगी. गिद्ध संकटग्रस्ट प्रजातियों की श्रेणी में आ गये हैं. इनको बचाने के लिए दुनियाभर में प्रयास हो रहे हैं. इनके सहित गैंडा संरक्षण योजना पर पिछले साल राज्य योजना से खर्च की गयी थी. इसे बचाने के लिए क्षेत्र का चयन किया गया और लोगों में जागरूकता का प्रयास शुरू हुआ.
पटना जू में 20 से शुरू होगा राइनो वीक सेलिब्रेशन
पटना जू में 20 से 22 सितंबर तक राइनो वीक मनाया जायेगा. जू प्रशासन ने बताया कि असम से लाये गये ब्लैक पैंथर और राइनो के एडॉप्शन के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और एसबीआइ को प्रस्ताव भेजा गया है. अगर उनकी सहमति हुई, तो 22 सितंबर को इनका एडाॅप्शन समारोह होगा. 20 सितंबर को एक्सपर्ट मीट का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न जू जैसे असम जू, वेस्ट बंगाल, उत्तर प्रदेश, नयी दिल्ली के राइनो एक्सपर्ट भाग लेंगे. 21 सितंबर को राइनो क्विज, राइनो केयर का डिस्प्ले, थीमेटिक पॉट पेंटिंग कंपीटिशन का आयोजन किया जायेगा. मालूम हो कि हर साल 22 सितंबर को विश्व राइनो दिवस मनाया जाता है. पटना जू का राइनो के संरक्षण में अहम योगदान रहा है. यहां राइनो ब्रीडिंग सेंटर भी है. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को इसके बारे में जानने का मौका मिलेगा.
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