Bihar: ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने पर लालू यादव के समर्थन देने की बात कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव के बयान पर कांग्रेस के बिहार प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम ने जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उद्योगपति के घर शादी में परिवार सहित जाने वाले लोग हमें क्या बोलेंगे? अगर आप सिर्फ एक राज्य में मजबूत हैं तो उसके आधार पर आप दूसरे दल पर सवाल खड़ा नहीं कर सकते. बता दें कि लालू यादव इसी साल जुलाई में देश के मशहूर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी के शादी में शामिल होने के लिए परिवार के साथ मुंबई गए थे.
ममता की पार्टी एक राज्य में हम पूरे देश में
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार कांग्रेस के प्रभारी सचिव शाहनवाज आलम खगड़िया में दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हैं. यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए इंडिया गठबंधन में बिखराव के सवाल पर कहा, ममता बनर्जी की पार्टी केवल एक राज्य में आगे है. दूसरी ओर, कांग्रेस बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित 30 राज्यों में लीड करती है. इसके अलावा, कांग्रेस एक अखिल भारतीय पार्टी है.
आम जनता का समर्थन राहुल गांधी के साथ
वहीं, उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ही इंडिया ब्लॉक को नेतृत्व दे सकते हैं. जिस तरह से महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के नेतृत्व पर गठबंधन के सहयोगी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं, उसका बचाव करते हुए शाहनवाज आलम ने कहा, राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की पदयात्रा की. आम जनता का समर्थन राहुल गांधी के साथ है. बता दें कि पिछले दिनों बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाया था. जिसके बाद से ही इंडिया गठबंधन के कई दल ममता की बातों का समर्थन कर रहे हैं.
बिहार महागठबंधन में बढ़ रही रार
बता दें कि आज के समय में बिहार के महागठबंधन में सब ठीक नहीं चल रहा है. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. अभी डेढ़ साल पहले ही राजद प्रमुख लालू यादव ने राहुल गांधी को इंडिया गठबंधन का दूल्हा बताया था. उन्होंने दावा किया था कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेकेगी. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की तीसरी बार वापसी ने इस गठबंधन के उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इसके साथ ही हाल ही में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई है. वहीं, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राजद नीत महागठबंधन ये नहीं चाहेगा कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें दी जाए. ऐसे में इसे एक प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर भी देखा जा रहा है.