पटना. बेशक प्रस्तावित पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होने जा रहे हैं,लेकिन पंचायत चुनावों में इस बार राजद पहले की तुलना में अधिक ताकत लगायेगा. राजद की रणनीति है कि वार्ड से लेकर जिला पंचायत तक पार्टी कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा जायेगा और उन्हें जिताने के लिए संगठन पूरी मदद करेगा.
करीब 70 लाख कार्यकर्ताओं वाली पार्टी राजद इस बार पंचायती राज संस्थाओं पर पकड़ बनाने की दिशा में यह कदम उठाने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी जल्दी ही इस बारे में औपचारिक तौर पर हिदायत जारी करने जा रही है कि प्रत्याशी बनते समय पार्टी कैडर आपस में ही न टकरा जाएं.
हिदायत में कहा जायेगा कि आपसी समझ के आधार पर पंचायत चुनाव में भागीदारी करें. पंचायत चुनाव के मद्देनजर राजद अपनी बूथ कमेटियों को पुनर्गठित करने जा रहा है. यही काम प्रखंड स्तर पर किया जा रहा है. पार्टी का दावा है कि पिछले पंचायत चुनाव में अधिकतर पंचायती राज संस्थाओं पर कब्जा रहा है. हालांकि, इस बार पार्टी चुनाव जीतने के लिए हर संभव कदम उठाने जा रही है.
उल्लेखनीय है कि राजद पंचायती राज प्रकोष्ठ को एक बार फिर पुनर्गठित करने जा रहा है. इस संदर्भ में पार्टी जल्दी ही घोषणा करेगी. सियासी जानकारों के मुताबिक पंचायत चुनाव में राजद के कार्यकर्ताओं का सीधा मुकाबला भाजपा की विचारधारा मानने वाले प्रत्याशियों से होगा.
दरअसल यह दोनों ही पार्टियां ऐसी हैं, जिनके कैडर का विस्तार पूरे प्रदेश में है. राजद के वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि बेशक पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे, लेकिन राजद की रणनीति होगी कि अधिक- से -अधिक पंचायती राज संस्थाओं पर उसका कार्यकर्ता चुनाव जीते.
पिछले चुनाव में हमने अधिकतर पद जीते थे. हालांकि, पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि इस चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का आपस में किसी तरह का टकराव न हो.
Posted by Ashish Jha