Bihar News: सहरसा में एक पति ने पहले अपनी पत्नी की गला रेतकर हत्या की, फिर खुद फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मामला नरियार के लतहा सूबेदारी टोला का बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, राजकिशोर शटरिंग का काम करता था. रविवार को उसकी और पत्नी आरती की लाश घर में मिली. घर का दरवाजा बंद था, शव के पास उनकी 2 साल की बेटी विलख रही थी.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पति-पत्नी में अक्सर लड़ाई होते रहता था. जिसके पीछे का मुख्य कारण शक था. 25 वर्षीय पति राजकुमार दास 22 वर्षीय पत्नी आरती पर शक करता था. इस कारण वह काम पर भी नहीं जाता था. पहले सहरसा से बाहर दूसरे राज्य में रहकर कमाता था. कुछ महीनों से यहीं रहा करता था.
शक की वजह से गई दोनों की जान
उसकी अनुपस्थिति में अगर उसके यहां कोई आता भी था तो पत्नी से लड़ाई-झगड़ा करता था. पत्नी के साथ मारपीट भी करता था. शक की बीमारी ऐसी थी कि वह बाहर जाने पर घर के मुख्य गेट को बंद रखने की हिदायत पत्नी को देकर जाता था.
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों की शादी 2019 में हुई थी. आरती सहरसा शहर के सराही निवासी नागो दास की बेटी थी. 5 साल की आरुषि अपने नाना-नानी के पास रहती है, जबकि 2 साल की बेटी आरोही कुमारी अपने माता पिता के साथ रहा करती थी. हत्या के वक्त भी छोटी वाली बेटी घर में ही थी.
इधर-उधर देखने पर भी मारपीट करता था पति
मृतक राजकिशोर दास के पिता रामप्रवेश दास ने कहा कि मेरी बहू आरती खाना बनाने में विवाद करती थी. इनके कारण हम इधर-उधर कमाकर कहीं कुछ खा लेते थे. घर भी बहुत कम जाते थे. आज मुझे पता चला कि मेरे बेटे और पतोहू का शव पड़ा हुआ है. वहीं आरती की माँ ने बताया कि मेरी बेटी इधर-उधर भी देखती थी तो दामाद उसके साथ मारपीट किया करते थे.
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पुलिस ने क्या कहा?
वहीं, सदर एसडीपीओ आलोक कुमार ने कहा कि, सदर थाना को सूचना मिली कि पति पत्नी ने जान दे दी है. सूचना मिलते ही सदर थाना अध्यक्ष, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आलोक कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक खुश्बू कुमारी घटना स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया. फिलहाल यही लग रहा है कि पति राजकिशोर दास ने धारदार हथियार से पत्नी की हत्या की और फिर खुद फांसी पर लटक गया.
बेटी कमरे में रो रही थी
पुलिस के मुताबिक, छोटी वाली बेटी आरोही कमरे में ही थी. लोगों का कहना है कि कमरा अंदर से बंद था और छोटी वाली बेटी कमरे के बाहर रो रही थी. पुलिस के पहुंचने से पहले ही लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़ फांसी के फंदे से झूल रहे राजकिशोर दास को नीचे उतार लिया था.