Bihar News: बिहार के सहरसा में कोसी पूर्वी तटबंध के हाटी पंचायत के तटबंध के अंदर राजकीय बुनियादी विद्यालय का दो मंजिला भवन ध्वस्त होकर पूरा नदी में गिर गया. कोसी पूर्वी तटबंध के अंदर कई गांव में पिछले दो माह से कोसी के कटाव का कहर जारी है. जिस कारण कई गांव के सैकड़ो परिवार का घर कटकर नदी में विलीन हो गया है. वहीं हाटी पंचायत स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय भी कटकर मंगलवार की अहले सुबह नदी में गिर गया. इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश का माहौल है.
पंचायत के मुखिया ने बताया
वहीं विद्यालय गिरने के बाद अब सीधा कटाव का रुख हाटी गांव के ओर उग्र हो गया है. जिससे लोगों में काफी भय का माहौल भी है. पंचायत के मुखिया फुलेश्वर सदा ने कहा कि जल संसाधन विभाग से लेकर जिला प्रशासन को कई दिनों से कटाव निरोधी कार्य को बेहतर ढ़ंग से करने की मांग करते आए हैं. लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नही होने के कारण आज यह दिन देखने को मिल रहा है.
स्थानीय लोगों ने इस मामले की खबर प्रशासन को दी
स्थानीय दीवाना सिंह ने बताया कि विद्यालय से 500 मीटर से अधिक की दूरी पर कटाव हो रहा था. उसी समय में हम लोग अंचल प्रशासन, जिला प्रशासन एवं जल संसाधन विभाग से कटाव निरोधात्मक कार्य करने की मांग कर रहे हैं. ताकि विद्यालय को बचाया जा सके और कटाव से गांव भी बच पाए. लेकिन ना तो जिला प्रशासन ने ध्यान दिया, न हीं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने सुधि ली.
जिस कारण सैकड़ो एकड़ में उपजाऊ जमीन सहित विद्यालय का जमीन व दो मंजिला भवन कटकर नदी में ध्वस्त हो गया. वहीं कटाव का रुख अब सीधा गांव की ओर हो गया है. जहां हजारों परिवार पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. लेकिन अभी विभाग के द्वारा मुस्तैदी से कटाव रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
विद्यालय को राजकीय बुनियादी विद्यालय का दर्जा मिला
स्थानीय शिवनन्दन यादव ने बताया कि सहरसा जिले में मात्र दो ही विद्यालय को राजकीय बुनियादी विद्यालय का दर्जा मिला. एक सोहा में दूसरा हाटी में. लेकिन प्रसासनिक अनदेखी के कारण विद्यालय कटकर नदी में विलीन हो गया. हाटी निवासी आरटी सिंह ने 1950 में, जो कहीं डीएम के पद पर पदस्थापित थे, उन्होंने ही अपने गांव के बच्चे को शिक्षित व समग्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपनी चार एकड़ जमीन दान में देकर गांव में विद्यालय की स्थापना करवाई थी.
2005 ई में लगभग 19 लाख से अधिक की राशि से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो मंजिला भवन का निर्माण करवाया था. तब बुनियादी विद्यालय में सुदृढ व्यवस्था में स्थानीय सैकड़ों बच्चे शिक्षा प्राप्त किया करते थे. अब वहां के बच्चे शिक्षा के लिए ललायित रहेंगे.
पंसस प्रतिनिधि चन्द्रकिशोर यादव ने बताया कि गांव का धरोहर था बुनियाद विद्यालय. जहां बच्चे पढ़ने जाते थे. लेकिन नजर के सामने विद्यालय का जमीन व भवन कटकर नदी में विलीन हो गया.
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कनीय अभियंता ने क्या कहा
जल संसाधन विभाग चंद्रयान डिवीजन के कनीय अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि 5 सितंबर तक बिल्कुल विद्यालय सुरक्षित था. लेकिन 6 दिसंबर को नदी का डिस्चार्ज अचानक बढ़ा, नदी की दिशा परिवर्तित होने के कारण यह कटाव हुआ है. सोमवार को हमलोग विद्यालय के समीप कटाव निरोधात्मक कार्य करने गए थे. ताकि विद्यालय के बाद कम से कम गांव ना कट पाए. गांव बच जाए. लेकिन वहां के लोगों ने आक्रोशित होकर कार्य नहीं करने दिया.
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