18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलकर सहरसा में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की मांग

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलकर सहरसा में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की मांग

सहरसा. बिहार के सांस्कृतिक इतिहास को समेटे उपेक्षित क्षेत्र सहरसा में केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना की मांग को लेकर लोकसभा सह प्रभारी डॉ. शशि शेखर झा ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलकर ज्ञापन दिया. उन्होंने कहा कि बिहार का सहरसा जिला आजादी के पूर्व भागलपुर के उत्तर पूर्व कोने का पुलिस जिला था. जो आजादी के बाद 1954 में जिला बना. लेकिन कोसी नदी के बाढ़ से प्रभावित बिहार राज्य का उपेक्षित जिला बना रहा. यहां कोई उद्योग नहीं है. ना ही रोजगार के अन्य साधन. यहां की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. जबकि यहां का सांस्कृतिक इतिहास काफी समृद्ध है. आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य वैदिक धर्म की प्रतिष्ठापना के लिए केरल से काश्मीर तक विद्वानों से विमर्श, भ्रमण किये. लेकिन सिर्फ एक जगह उन्हें शास्त्रार्थ में पराजित होना पड़ा. वह जगह सहरसा का महिषी गांव है. महान दार्शनिक मंडन मिश्र यहीं के थे. हिंदी के साहित्यकार राजकमल का जन्म भी इसी गांव में हुआ. महर्षि वशिष्ठ एवं ऋंगी ऋषि की आराधना स्थली व योगीराज लक्ष्मीनाथ गोसाईं की कर्मस्थली भी यह क्षेत्र रही है. साक्ष्य के अनुसार 780 से 915 तक धर्म मूला नदी के किनारे पाल वंश की राजधानी यहां थी. महात्मा गांधी, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण जैसे महान व्यक्ति सहरसा आ चुके हैं. लेकिन बाद के वर्षों में यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से उपेक्षित रहा. सहरसा में एक भी विश्वविद्यालय नहीं है. एक मंडन भारती कृषि महाविद्यालय है. जिसमें छात्र की संख्या निर्धारित है एवं व्यय साध्य भी है. जो कतिपय वर्गों तक ही सीमित है. केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होने से इस इलाके के विद्यार्थी को काफी लाभ मिलेगा. सहरसा की खोयी संस्कृतिक विरासत फिर से बहाल होगी. देश को विकसित राष्ट्र बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा. मंडल कारा सहरसा को विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त हुआ आईएसओ प्रमाणपत्र सहरसा . कारा महानिरीक्षक व जिलाधिकारी वैभव चौधरी के मार्गदर्शन व निर्देशन में मंडल कारा सहरसा ने विभिन्न श्रेणियों में कई आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त किया है. उत्तम कार्य संस्कृति व कार्य प्रणाली के लिए आईएसओ 14001:2015, गुणवत्ता युक्त कारा प्रबंधन के लिए आईएसओ 9001:2015, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबंधन तंत्र के लिए आईएसओ 45001:2018 व ऐंटी बाईबरी प्रबंधन तंत्र के संचालन के लिए आईएसओ 37001:2016 प्राप्त हुआ है. यह सभी प्रमाण पत्र मंडल कारा, सहरसा को जेल मैनुअल, विधायी अधिनियमों एवं विभागीय नियमों निर्देशों के अनुसार संचालित करने व बंदियों के लिए कल्याणकारी व सुधारात्मक उपायों को अपनाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के सफल प्रयासों के लिए प्रदान किया जाता है. मंडल कारा सहरसा को विजिटर मैनेजमेंंट सिस्टम के सुसंचालन के लिए आईएसओ 9001:2015 प्राप्त हुआ है. यह मुलाकाती कक्ष में बंदियों से मुलाकाती के लिए आने वाले उसके परिजनों को प्रदत्त सुविधाओं की पर्याप्तता को प्रदर्शित करता है. मंडल कारा सहरसा में बंदियों से मुलाकाती के लिए पंजीकरण की व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गयी है. इससे मुलाकाती व्यवस्था पारदर्शी, सरल व भ्रष्टाचार रहित हो गयी है. मंडल कारा में विकसित देशों की तर्ज पर मुलाकाती कक्ष में टफेन ग्लास एवं इंटरकॉम की व्यवस्था की जा रही है. इससे बंदियों को उनके परिजनों से बातचीत व मुलाकात की व्यवस्था अत्यंत सुविधायुक्त एवं सुरक्षित होगी. मंडल कारा को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एफएसएसएएल के द्वारा बंदियों को उत्तम भोजन एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के सफलतापूर्वक संचालन के व्यवस्था के लिए इट राईट कैंपस प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. मंडल कारा में आधुनिक पाकशाला का अधिष्ठापन किया जा चुका है. इस पाकशाला में ओटोमेटिक रोटी मेकर मशीन लगाया गया है. इसके द्वारा तैयार रोटियों की गुणवत्ता अत्यंत उच्च एवं हाइजीनिक होती है. इसके अतिरिक्त चावल दाल पकाने के लिए स्टीम मशीन अधिष्ठापित की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें