राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर दिया सुझाव स्वीकृति मिलने पर जिले के दक्षिण के लोगों के लिए वरदान साबित होगा गोलमा मेडिकल काॅलेज सहरसा . जाने माने चिकित्सक सह राधा वल्लभ मेडिकल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी पद्मश्री डॉ आरएन सिंह ने पूरब बाजार स्थित एक निजी होटल के सभागार में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोलना चाह रही है. इसके लिए सहरसा जिले में भी मेडिकल काॅलेज खोलने की स्वीकृति दी गयी है. जिसे देखते उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि गोलमा गांव स्थित उनके गोलमा मेडिकल कॉलेज को वे सरकार को दान स्वरूप दे देंगे. सरकार को वे 20 एकड जमीन के साथ तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर दान देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने 2011 से कार्यरत गोलमा जेनरल अस्पताल के बारे में बताते कहा कि यहां नियमित रूप से प्रतिदिन क्लिनिक के अलावे सप्ताह में एक बार वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मिथिलेश कुमार अपनी सेवा देते हैं. महीने में एक बार वे अपने सहयोगियों के साथ रोगियों को निशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करते हैं. समय-समय पर मेडिकल कैंप करना व लांंयस नेत्रालय पटना द्वारा गोलमा के दोनों पंचायत में घर-घर जाकर क्षेत्र परीक्षण करना व पटना ले जाकर मोतियाबिंद के ऑपरेशन की व्यवस्था करना विगत 13 साल से होता आ रहा है. उन्होंने कहा कि अपने ग्रामवासियों को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित होने के बाद गोलमा व पास के इलाकों के लिए स्वास्थ्य सेवा देने का आश्वासन दिया था. उस आलोक में उन्होंने अस्पताल के इर्द-गिर्द 20 एकड़ जमीन अर्जित कर मेडिकल कॉलेज खोलने का सपना देखा. इस बीच में पटना में एक कैंसर अस्पताल, सबेरा के निर्माण में व्यस्त हो गया व विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अपनी व्यस्तता एवं कोरोना काल की परेशानियों के कारण गोलमा के इस परियोजना पर कम ध्यान दे सका. इस बीच में करीब 1.5 लाख स्क्वायर फीट पर निर्माण तो हो गया है. सुचारू रूप से मेडिकल कॉलेज की स्थापना के काम में विस्तार नहीं हो पा रहा है. भू-अर्जन से लेकर आज तक के निर्माण में किसी भी प्रकार का ऋण नहीं हैं. उम्र की इस दहलीज पर वे अपनी व्यस्तताओं एवं डॉक्टरी सेवा के कारण मेडिकल कॉलेज के निर्माण में अपने आपको अकेला पा रहा हैं. इसलिए उन्होंने हरेक बिंदू पर विचार करते हुए राधा वल्लभ मेडिकल फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा अर्जित 20 एकड़ जमीन एवं निर्मित भवन बिहार सरकार को सौंपने का निर्णय लिया. इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री से मिलकर अपना प्रतिवेदन दे दिया है. इसके लिए स्थानीय विधायक के साथ सरकार में मंत्री रत्नेश सादा को भी अपना प्रतिवेदन दिया है. उन्होंने कहा कि गोलमा अस्पताल सहरसा मुख्यालय से करीब 21 किलोमीटर पर है. गोलमा सहरसा व मधेपुरा के दक्षिण में है एवं उसके दक्षिण महेशखूंट से लेकर नवगछिया तक कोई भी बड़ी मेडिकल सुविधा संस्थान नहीं है. वर्तमान में सहरसा में दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं सुपौल में एक निमार्णाधीन है. भौगोलिक स्थिति को देखते गोलमा अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में बदलने की स्वीकृति मिलती है तो यह सहरसा जिला के दक्षिण के लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकारी मेडिकल कॉलेज सहरसा में खोलना चाहते हैं. लेकिन उनका मानना है कि सहरसा जिला के सर्वागीण विकास हो ,इसके लिए दूर-दराज में इस तरह के संस्थान खुलने चाहिए. 10 सालों में उन्होंने गांव में आश्चर्यजनक परिवर्तन देखा है. वह इस बात का संकेत है कि आनेवाले समय में मेडिकल कॉलेज विकास का माध्यम बनेगा. उन्होंने सहरसा, सुपौल, पूर्णिया के सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं से अपील की कि जाति भेद को भूलाकर, सभी पार्टी मिलकर सहरसा के सर्वांगीण विकास में सहयोग करें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है