सहरसा . लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने व बचाव के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आगाज जिलाधिकारी वैभव चौधरी व सिविल सर्जन डॉ कात्यानी मिश्रा ने सोमवार को सदर अस्पताल में किया. मौके पर जिलाधिकारी व सिविल सर्जन ने खुद दवा खाकर अभियान की शुरुआत की. साथ ही लोगों से अपील किया कि फाइलेरिया या हाथी पांव कुरूपता एवं अपंगता की बीमारी है. इससे बचाव का सबसे सरल व आसान उपाय है कि साल में एक बार चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन राउंड के दौरान पांच साल तक लगातार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करें. आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम जब किसी के घर जाए तो उसके सामने दवा का सेवन अवश्य करें. सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन अगले 17 दिन तक किया जाएगा. जिसमें तीन दिन बूथ स्तर पर व 17 दिन घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई जाएगी. कार्यक्रम के दौरान दो फाइलेरिया मरीज को दिव्यंगता प्रमाण पत्र एवं एमएमडीपी कीट का विवरण किया गया. कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में आइसीडीएस, जीविका, शिक्षा, पंचायतीराज, नगर निकाय एवं अन्य विभागों के अलावे विश्व स्वास्थ्य संगठन, पिरामल, पीसीआइ एवं सीफार जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी स्वास्थ्य विभाग को सहयोग प्रदान कर रही है. मौके पर डीपीएम विनय रंजन, उपाधीक्षक डॉ एसके आजाद, जिला जनसपर्क पदाधिकारी अलोक कुमार, पिरामल के जिला प्रतिनिधि नसरीन बानो, प्रोग्राम लीड आलोक कुमार, अखलेश कुमार, प्रबंधक सदर अस्पताल शिल्पी कुमारी यूनिसेफ़ के एसएमसी डॉ बंटेश कुमार, कमानडेंट महेंद्र कुमार राय, एनसीसी के छात्र, एएनएम स्कूल की छात्रा सहित अन्य कर्मी मौजूद थे.
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