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Kharif seed distribution: पोषक तत्वों से भरपूर ज्वार, रागी, मरूआ को भोजन में खाद्य के रूप में करें ज्यादा उपयोग

Kharif seed distribution: सहरसा में अपर समाहर्ता ज्योति कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में खरीफ बीज वितरण, उर्वरक उपलब्धता और कृषि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई.

Kharif seed distribution: अपर समाहर्त्ता ज्योति कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला स्तरीय कृषि टास्क फार्स की बैठक की गयी. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने उर्वरक उपलब्धता, वितरण व खरीफ आच्छादन के संबंध में बताया गया कि 78715.609 हेक्टेयर के विरूद्ध शत प्रतिशत पंचायतवार आच्छादन हो गया है. खरीफ बीज वितरण की समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ मौसम 2024-25 में कुल 2152.74 क्विंटल बीज का लक्ष्य के विरूद्ध 1874.10 क्विंटल बीज प्राप्त है. जिसका शत प्रतिशत वितरण किसानों के मध्य किया जा चुका है. अपर समाहर्त्ता ने मिलेट्स के तहत ज्वार, रागी, मरूआ की खेती के संबंध में जानकारी ली. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मिलेट्स के तहत ज्वार, रागी, मरूआ की खेती धान की खेती के साथ की जाती है एवं इसे अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं पड़़ती. तैयार मिलेट्स का बाजार मूल्य अच्छा होता है. अपर समाहर्त्ता ने बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों को ज्वार, रागी, मरूआ को पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण भोजन में खाद्य के रूप में ज्यादा उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया. डीएओ ने बताया कि खरीफ मौसम में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में प्रखंडवार उपलब्ध है.

Kharif seed distribution: उर्वरक उपलब्धता और नमूना संग्रहण

वर्तमान में 158966 बैग यूरिया, 24938 बैग डीएपी, 16278 बैग एमओपी, 74786 बैग एनपीके एवं 12783 बैग एसएसपी उपलब्ध है. उर्वरक नमूना की समीक्षा के क्रम में अप्रैल से सितंबर तक का लक्ष्य 87 के विरूद्ध 66 नमूना संग्रहित किया गया है, शेष प्रक्रियाधीन है. उर्वरक प्रतिष्ठानों के निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा में कुल 159 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया. जिसमें 40 प्रतिष्ठानों में अनियमितता पायी गयी. जिसमें एक की अनुज्ञप्ति निलंबित की गयी एवं शेष सभी से स्पष्टीकरण पृच्छा की गयी है. उर्वरकों की उपलब्धता के सत्यापन के लिए पॉश मशीन एवं भौतिक स्थिति की जांच व थोक उर्वरक विक्रेताओं के उर्वरकों की उपलब्धता की भी भौतिक जांच के लिए निदेशित किया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी. सहायक निदेशक यांत्रिकरण ने बताया कि कृषि यांत्रिकरण योजना में इस वित्तीय वर्ष में कुल 269.37 लाख का लक्ष्य प्राप्त है. जिसके विरूद्ध 3897 आवेदन प्राप्त है. जिसके विरूद्ध 31.59 लाख के लक्ष्य की प्राप्ति है एवं शेष प्रक्रियाधीन है.

Kharif seed distribution: मृदा स्वास्थ्य कार्ड के मानकों की समीक्षा

सहायक निदेशक रसायन की समीक्षा के क्रम में मिट्टी जांच की प्रगति की समीक्षा की गयी. अपर समाहर्त्ता ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के मानकों की समीक्षा की एवं अपेक्षित प्रगति की सराहना की. सहायक निदेशक उद्यान की समीक्षा के क्रम में विभिन्न योजनाओं में प्रगति लाने के लिए निदेशित किया. उप परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि के लिए अपेक्षित कार्रवाई की जा रही है. उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान में चंडी नालंदा में 40 किसानों को सब्जी उत्पादन के प्रशिक्षण के लिए आत्मा द्वारा भेजा गया है. आगामी माह के मध्य 20 किसानों को बंगलौर में सब्जी, फल उत्पादन के प्रशिक्षण के लिए आत्मा द्वारा भेजा जायेगा. सहायक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि वर्तमान में कुल 62 ट्यूबवेल में 50 कार्य कर रहे हैं एवं शेष 12 में यांत्रिक खराबी है. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत किसान सलाकार द्वारा रकबा सत्यापन किया जाता है. जिसमें जीआईएस मैप रकबा से अधिक पाया गया है.

Kharif seed distribution: ग्राम बैठक की योजना

अपर समाहर्त्ता ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को ससमय जांच कराते सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सभी किसान सलाहकार को रकबा सत्यापन के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम अपने स्तर से आयोजित कराने के लिए निदेशित किया. महाप्रबंधक उद्योग के प्रतिनिधि ने बताया कि वर्तमान में पीएमईजीपी योजना के तहत किसानों द्वारा मखाना प्रसंस्करण व अन्य कृषि संबंधित उद्यम के लिए आवेदन किया जा सकता है. जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने बताया गया कि पिछले वित्तीय वर्ष देशी गौ पालन प्रोत्साहन योजना में निर्धारित योजना में प्राप्त भौतिक लक्ष्य के विरूद्ध प्राप्त आवेदनों को बैंक द्वारा स्वीकृत किया रहा है. कार्यपालक अभियंता विद्युत ने बताया कि विद्युत आपूर्ति में केबुल वायरिंग में शहर में मात्र 20 किलोमीटर शेष है. जिसे शीघ्र ही कर लिया जायेगा. अपर समाहर्त्ता ने जिला कृषि पदाधिकारी को निदेशित किया कि जिला एक कृषि प्रधान जिला है. इसके लिए अपने स्तर से प्रत्येक प्रखंड में एक नोडल ग्राम का चयन करते कृषि से सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ एक निर्धारित दिवस को चयनित ग्राम में एक बैठक का आयोजन करायें. जिससे किसानों को खेती की जानकारी व प्रशिक्षण देते उसके संबंधित समस्याओं का ससमय निदान हो सके. बैठक में सभी संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे.

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