22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समस्तीपुर के 15 से 20 फीसदी बच्चों को मिल रहा ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ, कई स्कूलों में सुविधा ही नहीं

अब सभी कुछ अव्यवस्थित हो गया है. जब चाहते हैं, तब पढ़ाई करते हैं. मोबाइल में नेट सही से नहीं चलता. घर में बेहतर मोबाइल नहीं है.

समस्तीपुर. कोविड-19 की तीसरी लहर आने के बाद एक बार फिर से स्कूल-कॉलेजों में बच्चों की पढ़ाई बंद हो गयी है. स्कूल खुलने के बाद पढ़ाई ने नियमितता और क्रम पकड़ा था, अब वो टूटने लगा है.

बच्चे घरों में अपनी मनमर्जी और अभिभावकों के हिदायत के अनुरूप ही पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई कराने का दावा करता है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी कई बाधाएं और विसंगतियां सामने आती रही हैं.

स्कूल के शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. कई स्कूलों में तो ऐसी पढ़ाई की व्यवस्था भी शुरू नहीं हुई है. सरकारी और प्राइवेट लगभग सभी स्कूलों को यही हाल है. ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ मात्र 15 से 20 फीसदी बच्चों को ही मिल रहा है या जिनके पास संसाधन है.

घरों में मोबाइल की कमी, इंटरनेट की गति, ऑनलाइन क्लास के समय उनके घर की परिस्थिति, बच्चों को अन्य कामों में लगे होना या घर से बाहर होना कई मामले सामने आए हैं. छात्रा सोनाली राज, सौम्या कुमारी, पप्पी कुमारी, रीति कुमारी, ऋतु प्रिया, छात्र शानु भारती, शाहिल कुमार, चंदन कुमार, ऋषि भारती, पीयूष कुमार आदि ने बताया कि स्कूल खुले रहने से पढ़ाई की एक नियमितता बन जाती है.

सुबह और शाम नियमित पढ़ाई होती है, स्कूल के मिले टॉस्क को पूरा करने की बाध्यता होती है, लेकिन अब सभी कुछ अव्यवस्थित हो गया है. जब चाहते हैं, तब पढ़ाई करते हैं. मोबाइल में नेट सही से नहीं चलता. घर में बेहतर मोबाइल नहीं है. कोरोना काल के दो सालों में बेहतर पढ़ाई नहीं हुई. स्कूलों में फी व अन्य शुल्क का पैसा भी भरना पड़ा. लेकिन पढ़ाई नाम मात्र की हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें