मोहिउद्दीननगर : थाना क्षेत्र के टांडा गांव निवासी बीपीएससी शिक्षक चितरंजन कुमार की हत्या के खिलाफ शुक्रवार को स्थानीय विद्यालयों में शिक्षकों ने विरोध जताया. इस दौरान शिक्षकों ने कालीपट्टी बांधकर पुलिस पर कार्रवाई में लापरवाही का आरोप लगाते हुए विद्यालयों में कार्य किया. शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस ने हत्या के मामले में अनुसंधान करने में लापरवाही की है. जब शिक्षक के शव के साथ समाजसेवियों व ग्रामीणों ने छह नवंबर को मदुदाबाद में सड़क जाम किया था, तो पुलिस ने आश्वासन दिया था कि तीन दिनों के भीतर अपराधियों को पकड़ लिया जायेगा. लेकिन 15 दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पुलिस इस मामले में कार्रवाई में विफल है. शिक्षकों ने शिक्षा पदाधिकारी एवं सरकार पर शिक्षकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. नेतृत्व करते हुए बिहार नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सिंह, सचिव विकेश कुमार व उपाध्यक्ष मो. सलाम ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले को महत्व नहीं दे रही है और जांच कार्य में शिथिलता बरत रही है. इस दौरान छुट्टी के बाद शिक्षकों की सुरक्षा के लिए संध्या में निर्जन स्थानों पर पुलिस गश्ती दल की तैनाती की मांग की गई. संघ से जुड़े शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. जरूरत पड़ी, तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जायेगा. बताते चलें कि मध्य विद्यालय जोड़पुरा में कार्यरत शिक्षक चितरंजन कुमार को पांच नवम्बर की शाम घर लौटने के दौरान दरबा चौर में बदमाशों ने गोली मारकर कर दी थी. प्रदर्शन करने वालों में स्वर्णिम आभा, प्रियंका कुमारी, सुनीता कुमारी, पूर्णिमा, रजिया सुल्ताना, आशीष कुमार, शंभू प्रसाद, मनोज कुमार, प्रदीप पंडित, धर्मेंद्र कुमार सहनी सहित दर्जनों विद्यालयों के शिक्षक शामिल थे.
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