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कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की धड़कन : कुलपति

जलवायु परिवर्तन भविष्य की सबसे बड़ी समस्या है. इसका प्रभाव कृषि पर अभी से दिखाई दे रहा है. आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वविद्यालय सतत प्रयासरत है.

पूसा . डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में जलवायु अनुकूल कृषि और आपदा प्रबंधन के लिए समृद्ध राष्ट्र विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन किया गया. उद्घाटन डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय, डॉ. एआर पाठक, डॉ. संजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ. पीपी सरथी, डॉ. एके शुक्ला व डॉ. एमवी चेट्टी ने संयुक्त रूप से किया. समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भविष्य की सबसे बड़ी समस्या है. इसका प्रभाव कृषि पर अभी से दिखाई दे रहा है. आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वविद्यालय सतत प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जलवायु अनुकूल खेती की की तकनीक और प्रभेद विकसित किये गये हैं. विकसित तकनीकों का 13 जिले में किसानों के बीच प्रत्यक्षण किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्रों को उन्होंने किसानों की धड़कन बताया. सम्मेलन में आपदा प्रबंधन से निपटने को लेकर रणनीतियों पर भी चर्चा की जायेगी. संयुक्त राष्ट्र संघ के एसिया पैसिफिक के आपदा प्रबंधन के अध्यक्ष डॉ एसके श्रीवास्तव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया को नई राह दिखा रहा है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार ने कहा कि सम्मेलन से जो निष्कर्ष निकलेगा उससे सरकार को नीति बनाने में मदद मिलेगी. आयोजन प्रोजेक्ट निदेशक जलवायु अनुकुल कृषि डॉ रत्नेश कुमार झा, निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह व डॉ मयंक राय द्वारा किया गया था. निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा, डीन फिशरीज डॉ पीपी श्रीवास्तव, निदेशक बीज डा डीके राय, डॉ सीके झा, डा विनीता सतपथी, डॉ राकेश मणि शर्मा, डॉ कुमार राज्यवर्धन मौजूद थे.

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