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Samastipur News: प्रसव कराने आयी प्रसूता की हुई मौत, परिजनों ने किया जमकर हंगामा

जिले के सदर अस्पताल परिसर में देर रात एक महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई. महिला की पहचान अंगार घाट थाना क्षेत्र के डढ़िया असाधर गांव के खुशबू कुमारी के रूप में की गयी है.

इलाज के अभाव में प्रसव कक्ष से लेकर इमरजेंसी तक चक्कर लगाती रही पूरी रात, आशा कार्यकर्ता पर लगाया कई गंभीर आरोप, अस्पताल प्रशासन पर इलाज के अभाव के लापरवाही का परिजनों ने आरोप, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर नागमणि राज ने कहा परिजनों और आशा कार्यकर्ता की लापरवाही से हुई मौत

समस्तीपुर. जिले के सदर अस्पताल परिसर में देर रात एक महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई. महिला की पहचान अंगार घाट थाना क्षेत्र के डढ़िया असाधर गांव के खुशबू कुमारी के रूप में की गयी है. महिला को जब प्रसव का दर्द शुरू हुआ, तो परिजनों ने आशा कार्यकर्ता को सूचना दी. परिजनों का दावा है कि बेहतर इलाज के लिए परिजन आशा कार्यकर्ता के साथ सदर अस्पताल लेकर रविवार की संध्या इलाज कराने पहुंचे थे. इलाज के नाम पर शाम से पूरी रात गुजर गई. लेकिन, महिला की बेहतर इलाज नहीं हुई. देर रात आशा कार्यकर्ता ने परिजन को बताया कि उसे निजी नर्सिंग होम में ले जाना होगा. तभी उसका बेहतर इलाज हो सकता है. परिजन उसे निजी अस्पताल में भी ले गए. लेकिन, डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. इसकी खबर आग की तरह फैलते ही परिजन फिर सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. आशा कार्यकर्ता से लेकर अस्पताल प्रशासन के साथ ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पर भी कई गंभीर आरोप लगाने लगे. अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा करने लगे. परिजन का आक्रोश इतना ज्यादा था कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. यह मामला अस्पताल में मौजूद परिजन और मरीजों में हंगामा की सूचना मिलते मरीज अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे.

अस्पताल परिसर में देर रात तक काफी देर तक हंगामा होता रहा

अस्पताल परिसर में देर रात तक काफी देर तक हंगामा होता रहा. इलाज कराने आए अन्य मरीजों और उनके परिजनों में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. परिजनों का आक्रोश इतना फैल गया कि अस्पताल में मौजूद परिजनों में अफ़रा तफरी का माहौल कायम गया. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर नागमणि राज ने बताया कि एक महिला प्रसव कराने आई थी. जिसमें आशा कार्यकर्ता की लापरवाही के साथ परिजन भी लापरवाही बरत रहे थे. आशा कार्यकर्ता इन दिनों डॉक्टर से भी ज्यादा होशियार समझती हैं. ज्यादा जानकारी होना भी लोगों के लिए सिर दर्द हो जाता है. निजी नर्सिंग होम में ले जाने को लेकर भी जाने का आरोप को भी उन्होंने इनकार किया. बताया जाता है कि अक्सर आशा कार्यकर्ता ही पहले से निजी नर्सिंग होम वाले से बात किए रहती हैं. और इलाज के अभाव में मौत भी हो जाती है. इसकी भी जांच अस्पताल में आने वाले बिचौलियों पर भी नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. एंबुलेंस की हड़ताल के कारण निजी एंबुलेशन से सभी को घर भेजा गया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. मृतक महिला के परिजन ने यह आरोप लगाया कि लेबर रूम में सिर्फ महिला की जाने की इजाजत होती है. पर्दे के पीछे क्या होता है, इसकी भी जांच होनी चाहिए. और कार्रवाई होनी चाहिए नहीं तो इसकी शिकायत डीएम से कर ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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