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पाक कला में कल कौशल दिखायेंगी स्कूल की रसोइया

मध्याह्न भोजन योजना की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के साथ सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए अब पाक-कला प्रतियोगिता आयोजित होगी.

समस्तीपुर : मध्याह्न भोजन योजना की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के साथ सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए अब पाक-कला प्रतियोगिता आयोजित होगी. इसमें अलग-अलग विद्यालयों में तैनात रसोइया शामिल होंगी. जिले के 2542 विद्यालयों में एमडीएम का संचालन किया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी करीब नौ हजार रसोइया को दी गयी है. डीपीओ एमडीएम सुमित कुमार सौरभ ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को शुद्ध, स्वच्छ व सुरक्षित भोजन देने के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से रसोइयों के बीच पाक कला प्रतियोगिता करायी जायेगी. कुल 100 अंकों की होने वाली प्रतियोगिता में हर समूह में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वालों को क्रमशः दो, डेढ़ व एक हजार रुपये इनाम दिया जायेगा. रसोइयों में उत्साह भरना व उनकी कार्यशैली में निपुणता लाना इसका मकसद है. जानकारी के मुताबिक एमडीएम के पूर्व निदेशक ने सबसे पहले लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड में यह प्रतियोगिता करायी थी. इसके सकारात्मक परिणाम से उत्साहित निदेशालय ने सभी जिलों में उक्त प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया है. पहले चरण में एक से 10 प्रखंडों वाले जिलों के दो, 11 से 20 वालों के चार, तो 21 से अधिक प्रखंडों वाले जिलों के पांच प्रखंडों में यह प्रतियोगिता करायी जायेगी. बताते चलें कि जिले में बीस प्रखंड है. चयनित चार प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में यह प्रतियोगिता आयोजित होगी. हर प्रखंड के चयनित 15 स्कूलों के दो-दो रसोइयों को ए, बी व सी कैटेगरी में बांटा अगला जायेगा. समूह ए में शामिल रसोइयों को जीरा-चावल और आलू-लेख सोयाबीन की सब्जी, बी समूह को पुलाव और काबुली चना का छोला, सी समूह को खिचड़ी-चोखा बनाने अथवा अन्य मेनू दिया जा सकता है. हर समूह सौ लोगों के भोजन बनायेगा. शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षकों के साथ छह और आठ कक्षा की छात्राएं भी निर्णायक मंडली में शामिल होंगी. निर्णायक मंडली प्रखंड के हर समूह के फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड पुरस्कार नवाजे जायेंगे. सभी समूहों के फर्स्ट आये रसोइयों को जिलास्तरीय प्रतियोगिता में शामिल कराया जायेगा. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डीपीओ एमडीएम की 13 नवंबर को मीटिंग बुलायी गयी है. डीपीओ ने बताया कि रसोइया को मध्याह्न भोजन योजना की जानकारी है या नहीं, विभागीय दिशा-निर्देश से कितना अवगत है. भोजन बनाने की प्रक्रिया, भोजन का स्वाद, रंग व प्रस्तुतिकरण व रसोइया के अपने कार्य के प्रति जागरूकता पर निर्णायक मंडली निर्णय लेंगे.

ई शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज होगी एमडीएम की रिपोर्ट

जिले के सरकारी स्कूलों में संचालित एमडीएम के तहत बच्चों को दिये जाने वाले भोजन में अब उलटफेर की संभावना समाप्त हो जायेगी. स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति से लेकर छात्रों का प्रोफाइल व एमडीएम का रिपोर्ट भी ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करना होगा. अब स्कूलों में कितने बच्चों ने मध्याह्न भोजन किया है, इसकी रिपोर्ट हर दिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज की जायेगी. ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हर दिन मध्याह्न भोजन से जुड़ी रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई लेख जायेगी. एमडीएम के जिला समन्वयक की मानें तो नयी व्यवस्था के तहत हर दिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है. अब मध्याह्न करने वाले बच्चों की संख्या भी इस पोर्टल पर दर्ज की जायेगी. अभी जिन स्कूलों से पोर्टल पर मध्याह्न भोजन से जुडी रिपोर्ट नहीं भेजने वाले स्कूलों की पहचान कर उसके प्रधानाध्यापक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किये जाने का निर्देश जारी किया गया है. इसकी मॉनिटरिंग बीआरपी कर रहे हैं. डीपीओ को भी हर दिन जिले के स्कूलों में संचालित एडीएम से जुड़ी जानकारी हासिल करने का टास्क दिया गया है.

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