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जीविका से जुड़कर आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही दीदियां

जीविक से जुड़कर दीदियां आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही है. जीविका महिला सशक्तिकरण में आधारशिला बन चुकी हैं.

समस्तीपुर : जीविक से जुड़कर दीदियां आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही है. जीविका महिला सशक्तिकरण में आधारशिला बन चुकी हैं. जीविका से जुड़ी दीदियां मुर्गीपालन से लेकर डेयरी फार्म तक चला रही हैं. वहीं, कई तो छोटी-छोटी दुकानें खोलकर आय अर्जित कर रही हैं. कृषि कार्य के जरिये ही अर्थोपार्जन कर रही हैं. जिले में अबतक जीविका की 48562 स्वयं सहायता गठित हो चुकी है. इसके जरिये 585497 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. 3453 ग्रामीण संगठन बनाये गये हैं. 69 क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाये गये हैं. 48017 स्वयं सहायता समूह का बैंक खाता खुला हुआ है. जीविका की यूनिक फार्मर की संख्या 32 है. वहीं फार्म प्रोड्यूसर ग्रुप की संख्या 1020 है. जीविका की पॉल्यूट्री पीजी की संख्या नौ है. पॉल्यूट्री पीजी से 900 घर जुड़े हुये हैं. 4385 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. 2231 युवाओं को प्लेस्ड किया गया है. जीविका दीदियों की 35 नर्सरी है. इसमें वन विभाग का 11 और मनरेगा का 23 है. जीविका की सदस्यों को 362113 पौधे उपलब्ध कराये गये हैं. 32 जीविका भवन बनाये जा चुके हैं.

हर वर्ष लिख रही विकास की नयी गाथा

जीविका जिले में हर वर्ष विकास की नयी गाथा लिख रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूसा प्रखंड में बालाहार उत्पादक समूह का निर्माण किया गया है. जीविका के द्वारा चार प्रखंडों में सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर केन्द्र खोला गया है. वित्तीय समावेशन के कार्यक्रम के तहत गत वर्ष 3412 स्वयं सहायता समूहों को वित्त पोषित किया गया है. वहीं रोजगार मेला के जरिये 392 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 315000 समूह की दीदियों को बीमा योजना से जोड़ा गया. वहीं गत वर्ष 1200 लक्ष्य के विरुद्ध 1209 समूह का निर्माण किया गया. 2100 समूह बचत खाता खोलने के लक्ष्य एवज में 3412 समूह बचत खाता खोला गया. चार रोजगार मेला के लक्ष्य के एवज में चार रोजगार मेला लगाया गया. दीदी रसोई योजना के तहत दो लक्ष्य के विरुद्ध दीदी की दो रसोई स्थापित की गयी. सतत जीविकोपार्जन निवेष निधि के तहत 1900 लक्ष्य को शतप्रतिशत पूरा किया गया. चार जीविका पुस्तकालय स्थापित किये किये गये. 22 जीविका भवन बनाये गये. जल-जीवन-हरियाली के तहत 456810 पौधरोपण के लक्ष्य के एवज में 456810 पौधे लगाये गये.

वित्तीय वर्ष 2024-25 की अबतक की उपलब्धि

पटोरी और मोरवा प्रखंड में दीदी अधिकार केंद्र की स्थापना की गयी है. सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 210 लाभार्थियों को वित्त पोषित किया गया है. 50 लक्ष्य के विरुद्ध 48 समूह का निर्माण किया गया. 630 समूह बचत खाता खोलने के लक्ष्य एवज में 744 समूह बचत खाता खोला गया. एक रोजगार मेला के लक्ष्य के एवज में एक रोजगार मेला लगाया गया. दीदी रसोई योजना के तहत चार लक्ष्य के विरुद्ध चार रसोई स्थापित की गयी. सतत जीविकोपार्जन निवेष निधि के तहत 210 लक्ष्य को शतप्रतिशत पूरा किया गया. जल-जीवन-हरियाली के तहत 383490 पौधरोपण के लक्ष्य के एवज में 362113 पौधे लगाये गये.

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