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Bihar Land Survey: दस्तावेज तैयार करने में आ रही है परेशानी, जानिए खानापूरी से लेकर अंतिम प्रकाशन तक की अहम तारीखें

Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के लिए दस्तावेज तैयार करने में आ रही दिक्कतों के कारण आवेदनों की गति धीमी है. ऐसे में अंचलाधिकारियों पर इसके प्रचार-प्रसार का दबाव है. सीवान में अब तक करीब 25 हजार आवेदन आ चुके हैं.

Bihar Land Survey: सारण में जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. कैंप लगाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. अब जमीन मालिकों से कागजात जमा करने को कहा जा रहा है. हालांकि कागजात जमा करने की गति काफी धीमी है. ऐसे में बंदोबस्त कार्यालय अंचल अधिकारियों पर सभी राजस्व गांवों में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने का दबाव बना रहा है. अधिकारियों की मानें तो 10 दिनों के अंदर यह काम जोर पकड़ लेगा.

खतियान के लिए आए 25 हजार से अधिक आवेदन

जमीन मालिक अपनी जमीन के अधिकार को स्पष्ट करने के लिए रिकॉर्ड रूम से खतियान प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं. अब तक करीब 25 हजार आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. हाल ही में अधिकारियों ने बताया था कि हर दिन करीब एक हजार से 15 सौ आवेदन प्राप्त हो रहे थे. 15 अगस्त के बाद खतियान संबंधी आवेदन मिलने की रफ्तार बढ़ गई. यह रफ्तार 31 अगस्त तक जारी रही, अब संख्या में कमी आई है, यह संख्या पांच सौ से आठ सौ के आसपास है.

कैसे प्राप्त करें खतियान?

खतियान प्राप्त करने के लिए आवेदकों को एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें अपनी जमीन से संबंधित जानकारी देनी होती है और उसके आधार पर रिकॉर्ड रूम में मौजूद दस्तावेज या विस्तृत रिपोर्ट दी जाती है.

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कहां हो रही परेशानी

अंचलों के कैंप कार्यालयों में किसानों से प्रपत्र 2 और 3 में कागजात जमा करने को कहा जा रहा है. सभी अंचलों में खोले गए वसुधा केंद्रों पर जमाबंदी दुरुस्त कराने के लिए भीड़ उमड़ रही है. जहां जमाबंदी दुरुस्ती के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. लेकिन लोगों का काम समय पर नहीं हो रहा है, इसलिए टेंशन बढ़ गई है.

सर्वेक्षण का कार्यक्रम

  • सर्वेक्षण पूर्व कार्य- 16 अगस्त से नौ सितंबर
  • त्रिसीमाना एवं ग्राम सीमा का निर्धारण खेसरा वार सत्यापन एक से 31 अक्टूबर
  • खानापुरी रैयतों स्वामित्व संबंधी कागजात का संकलन एक नवंबर से 15 नवंबर
  • रैयत के बीच खानापुरी पर्चा का वितरण व दावा आपत्ति 16 से 25 जनवरी 2025
  • आपत्ति का निपटारा 16 फरवरी से 15 मार्च
  • प्रथम विश्रांति 16 से 22 मार्च
  • पारुप अधिकार का प्रारूप प्रकाशन 22 मार्च से 23 अप्रैल
  • आपत्ति का निपटारा 24 अप्रैल से 22 जून
  • द्वितीय विश्रांति बंदोबस्ती लगान नौ से 24 जुलाई
  • अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन 25 जुलाई 24 अगस्त

अपडेट करने में परेशानी

सबसे बड़ी बात यह है कि जमाबंदी डिजिटल होने के बावजूद कई खाते, खेसरा और रकबा ऑनलाइन अपडेट नहीं हो पा रहे हैं. इस वजह से किसानों को रसीद नहीं मिल पा रही है और सर्वे की प्रक्रिया में देरी हो रही है. प्रशासन किसानों से कह रहा है कि वे “परिमार्जन प्लस” ऐप के जरिए गलतियां सुधार सकते हैं. लेकिन सवाल यह है कि इस प्रक्रिया में बहुत समय लगेगा और तब तक जमीन सर्वे की दूसरी प्रक्रियाएं आगे बढ़ जाएंगी.

साइबर कैफे वालों की हो रही है खूब कमाई

जमीन से जुड़े दस्तावेजों को दुरुस्त करवाने के लिए साइबर कैफे पर किसानों की भीड़ बढ़ती जा रही है. भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया के तहत किसानों को स्व-प्रमाणित वंशावली, खाता, प्लॉट, रकबा और आस-पास के किसानों के नाम उपलब्ध कराने हैं. इन सभी दस्तावेजों को जुटाने के लिए उन्हें कई झंझटों से गुजरना पड़ रहा है.

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क्या कहते हैं अधिकारी

कागजात जमा करने की गति में इजाफा हुआ है अभी तक 10 से 12000 रैयत अपनी कागजात जमा कर चुके हैं. आने वाले दिनों में इसमें गति आएगी. प्रचार प्रसार किया जा रहा है.

संजय कुमार, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी

इस वीडियो को भी देखें: जमीन सर्वे में घूस मांगने वाला हेड कलर्क सस्पेंड

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