छपरा. स्वच्छता भारत के लिए 17 सितंबर से शुरू होने जा रहे व्यापक अभियान की घोषणा के साथ ही, स्वभाव परिवर्तन को बढ़ावा देने और श्रमदान के माध्यम से जन भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक पखवाड़े में होने वाली गतिविधियों की तैयारियां नगर निगम में शुरू हो गई हैं. यह अभियान 17 से लेकर दो अक्टूबर तक चलेगा. इस कैंपेन का थीम स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता रखा गया है. इसके तहत 17 सितंबर को नगर निगम प्रशासन द्वारा एक मेगा इवेंट रखा गया है. इस इवेंट की शुरुआत राजेंद्र स्टेडियम में स्वच्छता संकल्प के साथ किया जाएगा. उसके बाद पदयात्रा करते हुए जुलूस राजेंद्र सरोवर पहुंचेगी. राजेंद्र सरोवर परिसर में महापौर, नगर आयुक्त, उप महापौर व वार्ड पार्षदों द्वारा श्रमदान किया जायेगा.
साल 2017 में शुरू हुआ था. यह अभियान
वर्ष 2017 से शुरू हुआ ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान हर साल ‘स्वच्छ भारत दिवस’ आगमन से पहले आयोजित किया जाता है, जो दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है. पिछले वर्षों की तरह इस बार भी आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार यह अभियान पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से संयुक्त रूप से चला रहा है. ‘स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता’ की थीम पर आधारित यह अभियान 17 सितंबर से शुरू होगा और दो अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा. 2014 में मिशन की हुई थी शुरुआत इस मिशन की शुरुआत दो अक्टूबर 2014 को ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण के साथ हुई, जिसमें स्वच्छता को ‘हर किसी का कर्तव्य’ बनाते हुए सरकार के सभी अंगों को जोड़ा गया. इस वर्ष स्वच्छ भारत मिशन के शुभारंभ की 10वीं वर्षगांठ भी है, जो इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बनाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में देशभर के नागरिकों के स्वभाव में समा रहे स्वच्छता के संस्कारों पर ध्यान आकर्षित किया. इन्हीं विचारों से आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष का विषय-स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता (4एस) 2024 भी स्वभाव परिवर्तन को बढ़ावा देने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम का प्रतिनिधित्व करता है. यह स्वच्छता को दैनिक आदतों और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों में शामिल करने पर जोर देता है और स्वच्छता के प्रति एक बदलते हुए दृष्टिकोण को दैनिक जीवनशैली के अहम हिस्से के रूप में प्रोत्साहित करता है.
4एस का क्या है उद्देश्य
स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता (4एस) 2024 को तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित रखा गया है. इसमें (1) स्वच्छता की भागीदारी – जन भागीदारी, स्वच्छ भारत के लिए जागरूकता और बढ़ावा देने वाली गतिविधियां, (2) संपूर्ण स्वच्छता – व्यापक स्वच्छता अभियान और स्वच्छता लक्षित इकाइयों जैसे चुनौतीपूर्ण और सर्वाधिक गंदे स्थानों का समयबद्ध परिवर्तन और (3) सफाई मित्र सुरक्षा शिविर-सिंगल विंडो सेवा, सफाई कर्मचारियों के कल्याण और स्वास्थ्य जांच के लिए सुरक्षा और सम्मान शिविर शामिल हैं. अभियान में ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण को अपनाते हुए, इसमें नागरिकों, उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, विकास संगठनों, कॉर्पोरेटर्स, पंचायत समिति के सदस्य, ग्राम पंचायत, जिलों आदि से भी सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है