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मेयर के आदेश पर टेंडर प्रक्रिया बंद, निगम क्षेत्र की विकास योजनाओं पर लगा ग्रहण

छपरा नगर निगम क्षेत्र में मार्च महीने के बाद से किसी भी प्रकार के विकास योजनाओं का टेंडर नहीं हो पाया है. योजनाओं का टेंडर प्रकाशित नहीं करने का आदेश खुद निगम के महापौर ने ही लगायी है.

छपरा नगर निगम क्षेत्र में मार्च महीने के बाद से किसी भी प्रकार के विकास योजनाओं का टेंडर नहीं हो पाया है. योजनाओं का टेंडर प्रकाशित नहीं करने का आदेश खुद निगम के महापौर ने ही लगायी है. बीते मार्च के छह तारीख को महापौर लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने नगर आयुक्त के नाम से एक पत्र जारी किया था और कहा था कि तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार की निविदाओं के प्रकाशन पर तब तक रोक लगाया जाता है. जब तक बोर्ड की अगली समीक्षा बैठक नहीं हो, यानी की बोर्ड की बैठक के बाद ही विकास योजनाओं का द्वारा खुलेगा. नगरवासी बोले कब होगी बोर्ड की बैठक और कब योजनाओं के खुलेंगे द्वार : अब सवाल यह उठता है कि आम लोग नई महापौर के आने के बाद से निगम क्षेत्र में विकास योजनाओं के क्रियान्वित होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विकास योजनाएं क्रियान्वित नहीं हो पा रही है केवल एक समीक्षा बैठक के कारण. जब तक बोर्ड की समीक्षा बैठक नहीं हो जाती है तब तक लोगों को इंतजार करना पड़ेगा. समीक्षा बैठक में ही विभिन्न वार्डों में बनने वाले सड़क, जल जमाव से ग्रसित सड़क, पुल पुलिया, तालाब का जीर्णोद्धार, शिल्पी पोखरा का जीर्णोद्धार, विभिन्न नालों का निर्माण, कई सामुदायिक भवन और अन्य नई योजनाओं पर ठोस निर्णय लिए जाएंगे ऐसे में महापौर को जल्द से जल्द बोर्ड की बैठक बुलाकर निर्णय लेना होगा और विकास योजनाओं को गति प्रदान करना होगा. इन योजनाओं पर प्रशासनिक स्वीकृति का इंतजार : नगर निगम क्षेत्र में आठ ऐसे जल जमाव वाले सड़के हैं जिनका बनना जरूरी है. इनमें गुदरी बाजार से जुड़ी दो सड़क योजनाएं हैं, इसके अलावा मासूम गंज, अजायब गंज, मलखाना चौक, हॉस्पिटल रोड समेत आठ ऐसी योजनाएं हैं जिन्हें प्रशासनिक स्वीकृति का इंतजार है और यदि इनको स्वीकृति पहले ही मिल जाती तो आज यह सडके बनकर तैयार रहती और काफी हद तक इन इलाकों के लोगों को जल जमाव से निजात मिलता, लेकिन अब मानसून के पहले बनना असंभव दिख रहा है क्योंकि अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति ही नहीं मिली है…. तो क्या इस बार बरसात के पानी में डूब जायेंगे शहर के मुहल्ले जिन जल जमाव से ग्रसित चयनित सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है उन सड़कों के किनारे रहने वाले लोगों और आम राहगीरों को इस बरसात में भी नाले के पानी में डुबकी लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. मसलन भगवान बाजार थाना रोड, गुदरी बाजार से टक्कर मोर, मासूम गंज से गुदरी सिटी मॉल, गांधी चौक से नेहरू चौक को जाने वाली सड़क समेत अन्य ऐसी कई सड़के हैं जहां सालों भर पानी रहता है और लोगों को परेशानी होती है. कई सड़कों पर तो नालें ही नहीं है. ऐसे में लोगों को इंतजार है की नई महापौर जल्द से जल्द बैठक करें और योजनाओं को अमली जामा पहनाए. क्या कहते हैं महापौर मेरा सभी प्रकार के टेंडर पर रोक लगाने का ऐसा कोई मंशा नहीं है, मैंने तो केवल शिल्पी पोखरा और दो और योजनाओं पर समीक्षा बैठक के बाद ही टेंडर प्रकाशित करने के लिए कहा था. बाकी सभी योजनाओं पर काम अधिकारी स्तर पर चल रहा है. जल्द ही नगर निगम क्षेत्र में एक साथ कई योजनाएं सामने आएंगे. मेरा एक ही मकसद है कि भ्रष्टाचार पर रोक लगे. काम गुणवत्ता वाली हो और लंबे अंतराल तक लोग याद रखें. एनजीटी और न्यायालय के आदेशों का पालन हो सके. इन तमाम बातों को देखते हुए मैंने कुछ योजनाओं के टेंडर प्रशासन में रोक लगायी है. लक्ष्मी नारायण गुप्ता, महापौर, छपरा नगर निगम

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