सोनपुर. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला कभी हाथियों और साधु-संतों के कारण आकर्षण का केंद्र हुआ करता था. साधु-संत भी हाथियों पर सवारी करते थे. कभी यहां हाथियों की संख्या चार पांच सौ से अधिक रहती थी. इसके कारण मेले में हाथी और साधु-संत आकर्षण के केंद्र हुआ करते थे. मेले में कुछ वर्ष पहले तक बड़ी संख्या में हाथी सहित अन्य जानवर लाये जाते थे, लेकिन पिछले कुछ साल से हाथी पूरी तरह से गायब हैं. अब कानूनी सख्ती के कारण मेले में हाथी नहीं लाया जाता है. साधु-संत भी पहले की तरह अब मेले में नजर नहीं आते हैं. मेले में हाथी से जुड़ी एक-एक बात यहां के लोगों को आज भी याद है. सोनपुर प्रखंड के डुमरी बुजुर्ग निवासी अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह बताते हैं कि मेले के दौरान हाथी जब मदमस्त हो जाता था तब तबाही मचा देता था. अस्थायी दुकानों के साथ-साथ साधु-संतों के शिविर भी हाथी नष्ट कर देते थे. मेले में भगदड़ मच जाती थी. इस घटना के साक्षी आज भी सोनपुरवासी हैं. ये लोग भी देखे हुए हैं कि हाथी जब पागल होता था तब बिजली के खंभे तक उखाड़ देता था. हाथी का आतंक ऐसा व्याप्त हो जाता था कि लोग घरों में कैद हो जाते थे. विदेशी पर्यटक यहां हाथियों का स्नान देखने के साथ-साथ अपने कमरे में कैद करने के लिए बड़ी संख्या में आया करते थे. हाथियों के मेले में नहीं आने के कारण अब विदेशी पर्यटकों की संख्या भी काफी कम हो गयी है. वहीं हाथी की खरीद बिक्री बड़ी संख्या में पहले हुआ करता था. सारण के जिलाधिकारी रहे कुंदन कुमार के समय काफी प्रयास के बाद सिर्फ मेले में हाथियों को किसी तरह लाकर लोगों को दर्शन कराया गया, लेकिन हाथी अपने करतब नहीं दिखा पाये और ना ही हाथी दौड़ हो सकी. हाथी दौड़ नहीं होने से भी यहां के लोगो मे शासन प्रशासन के प्रति गुस्सा देखा जा सकता है.
सैरात की नीलामी संपन्न, लाखों में लगी बोली
नयागांव. हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के अंतर्गत गैरमजरूआ और बकास्त सैरात की नीलामी सोमवार को संपन्न हुई. यह नीलामी सारण एडीएम कार्यालय में पर्यटन विभाग के निर्देशानुसार आयोजित की गयी, जिसमें कई ठेकेदारों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. नीलामी के दौरान बकास्त सैरात का ठेका सोनपुर के सुरेश नारायण सिंह को तीन लाख 14 हजार 820 रुपये में दिया गया. इसी तरह गैरमजरूआ सैरात का ठेका भी सोनपुर के मुकेश कुमार सिंह को एक लाख 52 हजार 280 रुपये में आवंटित किया गया. नीलामी प्रक्रिया के सफल आयोजन से मेले में ठेकेदारों की सक्रियता और प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, जिससे मेले की रौनक और बढ़ने की उम्मीद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है