छपरा, गर्मी ने इस बार पिछले चार-पांच साल के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. बीते 15 दिनों से लगातार कड़ी धूप का असर जारी है. तापमान में थोड़ी भी कमी नहीं आ रही है. दिन का अधिकतम तापमान 43 डिग्री हो रहा है. जिस कारण घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. सुबह आठ बजे ही शहर की सड़कों पर वीरानगी छा जा रही है. बाजारों में इक्का-दुक्का ग्राहक ही नजर आ रहे हैं. शाम छह बजे के बाद ही शहर के कुछ बाजारों में भीड़ नजर आ रही है. जो लोग बाजार आ रहे हैं. वह चार-पांच दिनों का जरूरी सामान एक साथ ही खरीद कर लेकर ले जा रहे हैं. जिससे उन्हें बार-बार घर से नहीं निकलना पड़े. स्कूलों की छुट्टियां हैं. ऐसे में बच्चों को काफी रहता है. लेकिन सरकारी व निजी कार्यालय में जाने वाले कर्मियों को सुबह तैयार होकर कड़ी धूप का सामना करते हुए कार्य स्थल पर जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. गर्मी ने आम दिनचर्या को काफी प्रभावित किया है. गृहणियां अधिक गर्मी के कारण घरेलू कामकाज नहीं निबटा पा रही हैं. किचेन में काम करने में भी काफी कठिनाई हो रही है. शहर के साहेबगंज, सोनार पट्टी, दहियावां आदि इलाकों में बीते दो-तीन दिनों से बिजली की सप्लाइ में भी काफी बाधित रही है. जिस कारण लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है. इन इलाकों में ट्रांसफार्मर की गड़बड़ी के कारण वोल्टेज की समस्या भी बनी हुई है. लोग जैसे तैसे गर्मी से राहत पाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. अब घर में लगे कूलर व एसी भी काम नहीं कर पा रहे हैं. धूप के संपर्क में आते ही लोग हो रहे बीमार : जो लोग जरूरी काम से थोड़ी देर के लिए भी शहर में निकल रहे हैं. वह तुरंत धूप की चपेट में आकर बीमार पड़ जा रहे हैं. पांच से 10 मिनट यदि कोई सीधे धूप की संपर्क में आ रहा है. तो उसे सिर में तेज दर्द, पेट दर्द, डिहाइड्रेशन आदि की शिकायत होने लग रही है. कई लोग कड़ी धूप में बिना टोपी या छाता लिए निकल जा रहे हैं. जिस कारण उन्हें हीट स्ट्रोक लग जा रहा है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में रविवार को दोपहर दो बजे तक 22 मरीज हीट स्ट्रोक की चपेट में आकर इलाज के लिए पहुंचे थे. जिनमें से दो की स्थिति काफी गंभीर थी. जिन्हें इमरजेंसी विभाग के पास ही बने हीटवेव वार्ड में शिफ्ट किया गया. वहीं अन्य मरीजों को प्रारंभिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया. सदर अस्पताल 24 घंटे अलर्ट मोड में है. हीट स्ट्रोक की चपेट में आकर इलाज के लिए जो भी मरीज आ रहे हैं. उनकी उचित देखभाल की जा रही है. वहीं निजी अस्पताल में भी इन दिनों मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है.
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