छपरा (कोर्ट). अपनी लंबित मांगों को लेकर 16 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल को सफल बनाने के लिए व्यवहार न्यायालय के कर्मियों ने बुधवार को प्रदर्शन किया. कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से राज्य के अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य ठप होने की संभावना बढ़ गयी है. अदालतों के कर्मचारी 16 जनवरी को हड़ताल पर जाने को आमादा हो गये हैं. कर्मचारियों की आपातकालीन बैठक छपरा व्यवहार न्यायालय के प्रांगण में हुई जिसमें राज्य सरकार और पटना उच्च न्यायालय द्वारा उनकी चार सूत्री मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए सर्वसम्मति से 16 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है. इससे न्यायालयों में अत्यावश्यक न्यायिक कार्य जैसे जमानत आवेदनों की सुनवाई से लेकर रिमांड व रिहाई की प्रक्रिया ठप होने की संभावना है. बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष व सचिव ने बताया कि राज्य भर की अदालतों के कर्मचारी पटना उच्च न्यायालय की उनकी मांगों पर उदासीनता और राज्य सरकार की हठधर्मिता के कारण हड़ताल पर जाने को विवश हो गये हैं. सचिव ने बताया कि पूर्व में एक जुलाई, 2024 को घोषित हड़ताल का कार्यक्रम पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आश्वासन के बाद टाल दिया गया था. न्यायालय के कर्मचारियों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस अवसर पर राजेश्वर तिवारी, श्रवण कुमार, हीरा नाथ ठाकुर, राजीव कुमार, विभूति त्रिवेदी, रवि प्रकाश, राहुल कुमार, विकास कुमार, विशाल कुमार, चंदन कुमार, संजय कुमार सहित कई कर्मचारियों ने बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया.
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