छपरा (सदर) भीषण गर्मी के बीच उम्मीदवार जहां अपनी जीत के लिए सारण तथा महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले सभी दस विधानसभा क्षेत्रों में दिन-रात मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं. वहीं मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को ले निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन लगातार स्वीप के माध्यम से मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान के प्रति जागरूक करने में लगा रहा. परंतु, उम्मीदवारों की मेहनत एवं प्रशासन के सकारात्मक प्रयास के बीच मतदाता उदासीन है. मतदाताओं में एनडीए या महागठबंधन के उम्मीदवारों के दावों एवं वादों पर खास भरोसा नहीं दिख रहा. वहीं गठबंधनों द्वारा उम्मीदवारों को थोपने की प्रवृति से अधिकतर मतदाता मतदान में रूची नहीं दिखा रहे हैं. फलत: पूर्व के दो लोकसभा व दो विधानसभा चुनाव में भी मतदान प्रशासन के सारे प्रयासों के बावजूद 55 फीसदी के आसपास तक ही पहुंच पाया था. इस बार जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम तथा पुलिस अधीक्षक शिक्षण संस्थानों, विभिन्न सरकारी कार्यालयों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाने के साथ-साथ वरीय पदाधिकारियों एवं फिल्ड के कर्मियों को मतदाताओं के घर-घर पहुंच कर मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. साथ ही मतदान केंद्रों पर इस भीषण गर्मी में पेयजल, शौचालय, दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप, व्हील चेयर, शेड के साथ-साथ मतदाता सहायता केंद्र की व्यवस्था कर अधिक से अधिक मतदान के लिए हर रोज आयोग से निर्देश मिल रहे हैं. वहीं जिला निर्वाचन पदाधिकारी भी मतदान के प्रतिशत को 75 फीसदी तक ले जाने के संकल्पित दिख रहे हैं. परंतु, प्रथम चरण में हुए मतदान में पूर्व के चुनाव के वनिस्पत चार से पांच फीसदी मतदान का प्रतिशत घटने के कारण पदाधिकारियों व कर्मियों में मतदान के प्रतिशत को लेकर चर्चा हैं.
2014 में 53.86 फीसदी व 2019 में 55.09 फीसदी हुआ था मतदान, मात्र 1.35 प्रतिशत ही बढ़ा वोट
जिला निर्वाचन पदाधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत लोकसभा 2014 में सारण में 53.86 फीसदी तो 2015 की विधानसभा चुनाव में 53.14 फीसदी मतदान का प्रतिशत रहा. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 1.35 फीसदी बढ़ा तथा बढ़ कर 55.09 फीसदी हो गया. वहीं पुन: 2020 के विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत सारण जिले में घटकर 54.65 फीसदी हो गया. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में सारण जिले के एकमा में महज 46.85 फीसदी, बनियापुर में 47.57 फीसदी, मांझी में 49.36 फीसदी, तरैया में 48.63 फीसदी मतदान हुआ. जो 50 फीसदी से भी कम रहा. इसी प्रकार वर्ष 2015 के विधानसभा के चुनाव में भी एकमा में 49.67 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में एकमा में 49.54 फीसदी, मांझी में 49.69 फीसदी मतदान हुआ. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा इस बार 50 फीसदी से कम मतदान वाले बूथों के चिन्हित कर यहां पर मतदान प्रतिशत बेहतर करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. अब देखना है कि जिला प्रशासन 75 फीसदी मतदान कराने के लक्ष्य को प्राप्त कर पाता है या गत विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान ही 55 फीसदी के आसपास मतदान का प्रतिशत रह जाता है.
एक नजर में
कुल दस विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता 3055859
महिला मतदाता- 1457534पुरूष मतदाता- 1598316
अन्य मतदाता- 9सेवा मतदाता- 11210
दिव्यांग मतदाता- 28400युवा मतदाता- 629798
वरिष्ठ मतदाता जिनकी आयु 85 वर्ष से ज्यादा है – 59524