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लाइलाज बीमारी बनी नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या

शहर में जलजमाव की समस्या आम हो गयी है. शायद ही ऐसा कोई वार्ड होगा जहां जलजमाव की समस्या नहीं हो. अमूमन यह देखा गया है कि साफ-सफाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की जाती है.

छपरा. शहर में जलजमाव की समस्या आम हो गयी है. शायद ही ऐसा कोई वार्ड होगा जहां जलजमाव की समस्या नहीं हो. अमूमन यह देखा गया है कि साफ-सफाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की जाती है. नतीजा यह होता है कि स्थिति जस की तस रह जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे तो नगर निगम प्रशासन जलजमाव से निजात पाने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जब शहर में हल्की बारिश हो जाये तो इनके सारे दावे फेल हो जाते है. जाम का मुख्य कारण शहर में बनें नालों की सफाई समय से नहीं होना बताया जाता है. उड़ाही तो होती है लेकिन रोड क्रॉस, पाइप लाइन की सफाई नहीं होती है, इससे पानी के निकासी नहीं हो पाती है. जहां तक जब बारिश का समय आता है तो नगर निगम प्रशासन की नींद खुलती है और इसपर काम करना शुरू करती है. परंतु एक तरफ से नाले की सफाई करता है और दूसरे तरफ एक से दो दिनों बाद स्थिति जस का तस बन जाता है. जिससे शहरवासियों को जल जमाव से निजात मिलना मुश्किल हो जाता है.

सभी निकासी द्वार है जाम, जहां चंवर बन गये है मकान

खनुआ नाले की सफाई के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे है. परंतु सफाई नालों के बीच में होती है. नालों के शहर के बाहर जो निकासी द्वार उसके जीर्णोद्धार का कार्य अधूरा पड़ा है. इस बार काम लगा भी है तो हर जगह आधा-अधूरा दिख रहा है. नालों को लिंकअप नहीं किया गया है. जिसे लेकर जिलाधिकारी ने बूडकों के अधिकारियों की जमकर क्लास लगायी है. बावजूद अभी तक नालों को लिंकअप नहीं किया गया है, जिससे पानी की निकासी आसानी से हो सके. नालों के लिंकअप नहीं होने से दूसरे जगह का भी पानी शहर में आ जा रहा है और यह जल जमाव का बड़ा कारण बन रहा है. जल निकासी नहीं होने का एक दूसरा बड़ा कारण है जहां पानी की निकासी होती थी वह ऐरिया पहले चंवर था. इसमें नारायणापुल, रतनपुरा, बिनटोली, जगदम कॉलेज ढ़ाला, श्यामचक रेलवे ढ़ाला आदि के इलाके में शहर का पानी चला जाता था. उन जगहों पर अब मकान बन चुके है. ऐसे में पानी की निकासी नहीं हो रही और जल जमाव बड़ा कारण बना हुआ है.

नमामी गंगे परियोजना से आस

अब लोगों की निगाहे नमामी गंगे परियोजना पर जा टीकी है. क्योंकि इस परियोजना के तहत जो पाइप लाइन बिछाये गये वह अंडरग्राउंड है. यदि इससे पानी की निकासी होती है तो शहर का पानी वाटर ट्रिटमेंट प्लांट में चला जायेगा. ऐसे में नालों का जलस्तर काफी नीचे चला जायेगा और जलजमाव की समस्या काफी हदतक समाप्त हो जायेगी. इसके अलावा शहर के लिए एक ऐसी प्लान की जरूरत है जिसमें सभी ब्रांच नाले का मूंह एक जगह खूले और बड़े नाले में समाहित हो जाये. इससे जलजमाव की समस्या का निजात मिलेगा. तीसरी अहम बात है कि जितने भी सड़के और नाले है सबका तल एक समान हो ताकि पानी का बहाव निरंतर बना रहे. कहीं निचा व कहीं उंचा होने से पानी का बहाव थम जाता है और यही जल जमाव का कारण होता है.

क्या कहते है उप नगर आयुक्त

नगर आयुक्त के आदेश पर शहर के सभी नालों की साफ-सफाई करायी गयी है. जहां जल जमाव की स्थायी समस्या है उसके स्थायी निदान के लिए सड़क व नाले निर्माण के लिए विभागीय तैयारी शुरू कर दी गयी है. निर्माण हो जाने के बाद शहर से जल जमाव की समस्या समाप्त हो जायेगी.

अजीत कुमार

उप नगर आयुक्त, नगर निगम,छपरा

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