सासाराम ग्रामीण. सासाराम आरपीएफ ने रविवार को अजमेर-सियालदह व गया-चेन्नई साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन से 11 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है. साथ ही चार मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है. तस्करों में गया के तस्लीम, प्रदीप प्रजापति, सुबोध कुमार व असगर मियां शामिल हैं. इसकी जानकारी आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन आहट के तहत विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. इस दौरान सासाराम रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-02 पर गाड़ी संख्या 12389 गया- चेन्नई साप्ताहिक एक्स और गाड़ी संख्या 12987 सियालदह-अजमेर बारी-बारी से कुछ समय के अंतराल पर पहुंची. त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों ट्रेनों में चेकिंग की गयी. इस दौरान 11 नाबालिग बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जाते चार बाल तस्करों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ करने पर बाल तस्करों ने बताया गया कि 11 बच्चों को बाल मजदूरी के लिए चेन्नई ले जाया जा रहा है. इसके बदले बच्चों को प्रतिमाह 12 हजार रुपये दिया जाता है. वहीं, मुक्त कराने के बाद सभी बच्चों को परिजनों के हवाले करने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित किया गया. सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाइन सासाराम के सदस्य आफताब आलम को बच्चों को सही सलामत बाल कल्याण समिति सासाराम के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए सुपुर्द किया गया. उन्होंने बताया कि चारों बाल तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. अभियान में निरीक्षक संजीव कुमार, बीबीए कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह, उप निरीक्षक डीएस राणावत, प्रधान आरक्षी शशि कुमार, प्रधान आरक्षी भुवनेश्वर राय व चंदा गुप्ता शामिल थे. सासाराम रेलवे स्टेशन से 20 दिनों में 16 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है. साथ ही सात मानव तस्कर को गिरफ्तार हो चुके हैं. गौरतलब है कि गत आठ जुलाई को भी सासाराम रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर दो से पांच बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया था. इसमें पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के जाकिर हुसैन के बेटे अमीरुल इस्लाम व गया जिले के मोहनपुर निवासी गोला मांझी के बेटे सुदेश कुमार को गिरफ्तार किया गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है