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बीएलओ की कार्यशैली से वोट प्रतिशत पर पड़ सकता है असर

जिले में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन जी-तोड़ मेहनत कर रहा है. स्वीप के तहत मतदाताओं को जागरूक करने का लगातार अभियान चल रहा है. स्वीप की स्टेट आइकॉन मैथिली ठाकुर भी वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए पसीना बहा चुकी हैं.

सासाराम ऑफिस. जिले में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन जी-तोड़ मेहनत कर रहा है. स्वीप के तहत मतदाताओं को जागरूक करने का लगातार अभियान चल रहा है. स्वीप की स्टेट आइकॉन मैथिली ठाकुर भी वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए पसीना बहा चुकी हैं. जिलाधिकारी का तो कहना नहीं. स्वीप के तहत कितनी सभाएं और चौपाल कर चुके हैं. लेकिन, इन सभी की मेहनत पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की कार्यशैली पानी फेरने पर आमादा है. इनकी कार्यशैली और लापरवाही के कारण जिले में वोट प्रतिशत पर असर पड़ सकता है. चुनाव नजदीक आ गया है, तो अब पता चल रहा है कि जिंदा व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट से गायब है. एक घर में 10 वोटर हैं और उनके घर चार की ही पर्ची पहुंच रही है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन ने बीएलओ को घर-घर मतदाता पर्ची बांटने की जिम्मेदारी सौंपी है. पर, इस काम में बीएलओ की लापरवाही उजागर हो रही है. अधिकतर बीएलओ अब तक सभी घरों में पर्ची नहीं पहुंचा सके हैं, तो कई बीएलओ वोटरों के कॉल का जवाब भी नहीं दे रहे हैं. कुछ जवाब दे रहे हैं, तो वोटर को एक-दूसरे बीएलओ के पास भेज परेशान भी कर रहे हैं.

10 वोटरों में से मात्र तीन को मिली है पर्ची

शहर के भारतीगंज मुहल्ले के मतदान केंद्र संख्या 200 व 201 के मतदाता शिवशंकर प्रसाद गोंड ने कहा कि मेरे परिवार में 10 सदस्य हैं. सभी बालिग हैं और पिछले चुनाव तक उनका नाम वोटर लिस्ट में भी था. किसी की मृत्यु भी नहीं हुई है. इस बार उनका नाम सूची में है या नहीं? यह बताने वाला कोई नहीं है. अब तक बीएलओ ने 10 में से मात्र तीन सदस्यों की ही पर्ची दी है. बीएलओ कहती हैं कि दूसरे बूथ पर जांच करा लीजिए. इसी तरह मतदाता विकास कुमार, मनोहर कुमार, सुधीर कुमार ने भी बताया कि हमारे घरों में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. अब तक सभी सदस्यों की न तो पर्ची मिली है और न ही सदस्यों को मतदान केंद्र की जानकारी दी जा रही है. इससे हम लोगों को काफी परेशानी हो रही है कि हम मतदान कैसे करेंगे? हालांकि, कुछ पार्टी के लोग मुलाकात कर स्वयं से जांच कर पर्ची देने की बात कह रहे हैं. लेकिन जब निर्वाचन आयोग ने बीएलओ को जिम्मेदारी दी है, तो बीएलओ अपना कार्य क्यों नहीं कर रहे हैं? ऐसा ही हाल मतदान केंद्र संख्या 198 संत जिलानी स्कूल शाहजुमा का है. बीएलओ बताते हैं कि पर्ची धीरे-धीरे सभी के घरों में भेजी जा रही है. एक जून से पूर्व सभी को पर्ची मिल जायेगी.

जिन्हें था वोट देने का उत्साह, वही हो गये निराश

अभी 18वीं लोकसभा का चुनाव हो रहा है. आगामी एक जून को सातवें व अंतिम चरण का मतदान होगा. चुनाव को लेकर पहली बार वोट डालने वाले युवाओं व 80 से 85 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को भी वोट करने का उत्साह है. लेकिन, कई ऐसे वृद्ध मतदाता हैं, जो इस लोकसभा चुनाव से वंचित हो गये हैं, क्योकि उनका मतदाता सूची में नाम ही नहीं है. शहर के फजलगंज वार्ड नंबर-9 निवासी सुरेश प्रसाद वर्मा करीब 95 वर्ष के हैं. वह मतदान करने के लिए बहुत ही उत्साहित हैं. लेकिन, जब उनके घर बीएलओ मतदान पर्ची लेकर पहुंचे, तो मतदान पर्ची उनके परिवार के सभी सदस्यों की थी, पर उनकी नहीं थी. वह काफी निराश हो गये. अपने घर में पोते-पोती से वह अपना नाम मतदाता सूची में ऑनलाइन दिखाने लगे. ऑनलाइन मतदाता सूची में भी उनका कहीं नाम नहीं दिखा. अब वह इस लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे. वह काफी निराश हो गये है. उन्होंने बताया कि इस तरह पर निर्वाचन विभाग को कुछ करना चाहिए. जिले में बुजुर्ग मतदाताओं के लिए बहुत सारी सुविधा दी जा रही है. जब हमारे तरह बुजुर्ग मतदाता का नाम ही जिंदा रहने के बाद ही हट जाये, तो यह हमारे देश के लिए चिंता का विषय है.

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