कोचस.
पर्यटकों से भरी बस रविवार की रात करीब डेढ़ बजे सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. आरा-मोहनिया राष्ट्रीय राजमार्ग 319 पर सोहसा गांव के समीप हुई इस दुर्घटना में चार महिलाओं समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए सीएचसी लाया, जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ तुषार कुमार ने बताया कि घायलों में सूरत (गुजरात) निवासी दिनेश भाई, अशोक भाई, शशिकला, विकास भाई, इशु कुमारी, संध्या, परवेश भाई व दिनेश शर्मा शामिल हैं. सिर में गंभीर चोटें होने की वजह से घायलों को सदर अस्पताल रेफर किया गया. जानकारी के अनुसार, सूरत से 13 सीटर वातानुकूलित बस GJ21W9610 से रविवार की सुबह वाराणसी पहुंचे पर्यटकों का दल काशी विश्वनाथ की पूजन-अर्चना कर देर रात वहां से काठमांडू (नेपाल) जा रहा था. इस दौरान बस ने सड़क के बीच दाहिनी तरफ खड़े ट्रक में टक्कर मार दी. दुर्घटनास्थल पर बस में चालक समेत 12 लोग सवार थे. टक्कर इतनी भीषण थी कि पर्यटकों से भरी बस के परखचे उड़ गये. थानाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने बताया कि एक्सेल टूटने की वजह से सड़क के बीच दायीं तरफ खड़े गेहूं लदे ट्रक में पीछे से तेज रफ्तार से आ रही पर्यटकों से भरी बस टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इसमें आठ लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं. सभी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है, जो खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं.सड़क पर खड़े ट्रक बन रहे हैं हादसे का कारण
करीब चार माह पहले चार दिसंबर को इसी सड़क पर रुपीबांध गांव के समीप राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खां की सुरक्षा में चल रही रोहतास पुलिस की एस्काॅर्ट गाड़ी सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इसमें एस्कार्ट गाड़ी के चालक जमालुद्दीन खान नाम होमगार्ड जवान की घटनास्थल पर ही मौत और अन्य चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी थे. इसके अलावा नवंबर महीने में एनएच 17 पर किरहिंडी गेट के समीप सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकरा कर रजरप्पा से दर्शन कर कैमूर वापस लौट रहे स्कॉर्पियो सवार चार लोगों की मौत हो गयी थी. इस घटनाओं से इतर कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो सड़क किनारे आधी सड़क खड़े ट्रक कारण बने हैं. दुर्घटना के बाद लोगों का कहना है कि पुलिस या फिर परिवहन विभाग को सड़क किनारे खड़े वाहनों की मॉनीटरिंग करनी चाहिए. अधिकतर चालक अपनी गाड़ियां आधी सड़क पर ही खड़ी करते हैं, जिससे ऐसी दुर्घटना होती है. अगर ट्रक पूरी तरह सड़क किनारे होता, तो पर्यटकों से भरी बस उससे नहीं टकराती और न ही पर्यटक जख्मी होते.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है