बिक्रमगंज. कोलकाता की प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता से पूरे देश भर में इंसाफ को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी कड़ी में बिक्रमगंज नगर के लोग भी विरोध दर्ज कराने और चिकित्सक को इंसाफ दिलाने के लिए कैंडल लेकर सड़कों पर उतर गये. इसका नेतृत्व समाजसेवी घनश्याम सिंह ने किया. यह कैंडल मार्च अस्कामिनी मंदिर गेट से निकल कर तेंदुनी चौक होते सासाराम रोड स्थित अनुमंडल कार्यालय तक पहुंचा और फिर वहां से तेंदुनी चौक पर आकर समाप्त हुआ. इस बीच इंसाफ दिलाने को लेकर नारेबाजी भी हुई. घनश्याम सिंह ने बताया कि केवल कोलकाता ही नहीं, बिहार में भी बीते सप्ताह में कई बेटियों के साथ दरिंदगी हुई है. हमारे समाज में कुछ इस कदर जालिम लोग हो गये हैं कि उनसे बेटियों को बचाने की जरूरत है. दिल्ली के निर्भया कांड के बाद कोलकाता में हुई इस निंदनीय घटना से हम सभी आहत हैं. रोहतास में भी ऐसी कई घटनाएं हुई, आखिर हमारा समाज ऐसा क्यों बनता जा रहा है, इसको लेकर हम सभी को मंथन करने की आवश्यकता है.
हैवानियत करने वालों को मिले कड़ी सजा
गौरतलब है कि 17 अगस्त को चिकित्सक के लिए इंसाफ की मांग में आइएमए के बैनर तले बिक्रमगंज के डॉक्टर भी सड़क पर उतरे थे. शनिवार को चिकित्सकों का दल आइएमए के बैनर तले अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचा और वहां एक साथ बैनर लेकर मार्च किया था. सभी की मांग थी कि चिकित्सक को जल्द और सही इंसाफ मिले. इसमें डॉ शशिभूषण प्रसाद सिंह, डॉ मनोरमा सिंह, डॉ ओमप्रकाश, डॉ बीना रानी, डॉ सुनीला सिंह, डॉ अरुण कुमार, डॉ कामेंद्र सिंह, डॉ सोनम सिंह और डॉ पिंकी के अलावा अनुमंडलीय अस्पताल के सभी चिकित्साकर्मी शामिल हुए थे. इस संबंध में जब चिकित्सकों से बात हुई तो उन्होंने चिकित्सीय व्यवस्था में इस तरह की घटना से बड़ी नाराजगी जतायी. चिकित्सकों का कहना था कि हमें नहीं पता कि प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ किसने हैवानियत की. लेकिन जिसने भी किया, उसे जल्द से जल्द सामने लाया जाना चाहिए और उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
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