अकोढ़ीगोला. प्रखंड क्षेत्र के धरहरा में सिंचाई विभाग के करहा की जमीन पर पीसीसी ढलाई को लेकर गांव में विवाद हो गया है. इसमें कुछ किसानों ने सिंचाई विभाग के करहा पर सड़क की ढलाई कराने का विरोध किया है. किसानों ने सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता, सीओ व दरिहट थानाध्यक्ष को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की. इस पर सीओ ज्योत्स्ना निधि ने पीसीसी ढलाई के काम पर रोक लगा दी है. किसान संतोष सिंह, सुरेश सिंह, बिजेंद्र सिंह, संजय सिंह, अनिल सिंह, सत्येंद्र सिंह, सैलेश सिंह, सुधीर सिंह, शंभू सिंह, रामाकांत सिंह, धनंजय सिंह, बिनोद सिंह आदि का कहना है कि गांव में सरकारी नलकूप है. इससे किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन की सिंचाई होती है. मरम्मत के अभाव में कुछ वर्षों से कुछ जगहों पर उसका करहा टूट-फूट गया है. अभी भी करहा से कई खेतों में सिंचाई का कार्य होता है. लेकिन गांव के कुछ लोग सरकारी करहा की जमीन पर सड़क बनवाना चाहते हैं. लोगों का कहना है कि कुछ लोग स्थानीय विधायक के मद से ढलाई सड़क बनाना चाहते हैं. सड़क बनने से सरकारी नलकूप के करहा का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा. इससे किसानों का खेतों में नलकूप का पानी नहीं पहुंचेगा. खेती बर्बाद हो जायेगी. विरोध कर रहे लोगों ने बताया कि विगत वर्ष भी सिंचाई विभाग के करहा की जमीन पर सड़क बनाने का प्रयास किया गया था. पांच जून 2023 को सरकारी करहा की जमीन को बचाने के लिए किसानों ने सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता को आवेदन देकर सड़क बनाने पर रोक लगाने की मांग की थी. इसके आलोक में तत्कालीन सीओ जितेंद्र कुमार ने सड़क बनाने पर रोक लगाकर किसानों, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणों के साथ बैठक कर विवाद को समाप्त कराया था. उन्होंने स्पष्ट स्पष्ट रूप से कहा था कि सिंचाई विभाग की जमीन पर कदापि सड़क नहीं बनायी जा सकती है. करहा का स्वरूप नहीं बदला जा सकता है. जब तक सिंचाई विभाग उक्त जमीन का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं देता. यह जमीन जल जीवन हरियाली से अच्छादित है. लोगो का पहले की तरह पगडंडियों से आना-जाना बना रहेगा. वहीं, सीओ ज्योत्स्ना निधि ने बताया कि किसानों केक आवेदन के आलोक में कार्रवाई करते हुए लोगो को नोटिस भेजा गया है. वहीं, तत्काल सिंचाई विभाग की जमीन पर सड़क बनाने के काम पर रोक लगायी गयी है.
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