सासाराम नगर. पेयजल संकट से जूझ रहे शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए पार्षदों ने गुरुवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. पार्षदों ने मेयर प्रतिनिधि विवेक कुमार के नेतृत्व में नगर निगम कार्यालय से नगर आयुक्त की शवयात्रा निकाली. यह शवयात्रा निगम कार्यालय से होकर पोस्ट ऑफिस चौराहे से होते हुए करगहर मोड़ तक पहुंची. यात्रा में शामिल लोगों ने नगर आयुक्त के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसमें महिला पार्षद भी शामिल रहीं. वहां से जैसे ही यात्रा घूमकर वापस नगर निगम कार्यालय की ओर बढ़ी, तो पीछे से नगर आयुक्त की गाड़ी पहुंची. हालांकि यात्रा में शामिल लोगों ने कुछ बोला नहीं. शवयात्रा निगम कार्यालय के मुख्य गेट पर पहुंची, जहां पर पहले से ही एसडीएम, सीओ सुधीर कुमार ओंकारा, नगर थाने की पुलिस विधि व्यवस्था को लेकर खड़ी थी. यहां पहुंचकर पार्षदों ने नगर आयुक्त के शव पर तेल छिड़ककर आग लगा दी और नगर आयुक्त की मनमानियों के खिलाफ नारेबाजी की. मौके पर मौजूद पार्षदों ने कहा कि 16 माह पहले बोर्ड की बैठक में पेयजल संकट को दूर करने के लिए निर्णय लिया गया था. लेकिन, नगर आयुक्त इस निर्णय को अब तक धरातल पर नहीं उतार सके. वाटर वैट योजना शहरी क्षेत्र में झुग्गी-झोंपड़ियों में रहनेवाले लोगों के लिए संजीवनी से कम नहीं थी. मगर नगर आयुक्त इस योजना को व्यर्थ खर्च मानते हुए मुख्यमंत्री शहरी नल-जल योजना के भरोसे बैठे हैं, जिसका कार्य पिछले चार वर्षों से शहर में चल रहा है. लेकिन, अब तक कई मुहल्लों के घरों तक पाइप नहीं बिछायी गयी है. वहीं, पीएचइडी की बिछाई पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. वैसे मुहल्ले के परिवार चापाकल से अपनी पानी की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.
पानी के लिए नगर कार्यालय में बिफरे जमील
पानी की समस्या को लेकर पार्षद प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रहे थे. इसी दौरान निगम कार्यालय में अपनी समस्या को लेकर पहुंचे वार्ड 33 के मोहम्मद जमील पानी को लेकर बिफर पड़े. वह इस समस्या से इतने परेशान थे कि उन्होंने अपनी व्यथा चिल्ला-चिल्लाकर सभी को बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से गर्मी में पानी के लिए दो किलोमीटर से अधिक चलना पड़ता है. दिव्यांग हूं. फिर भी अपने परिवार को पालने के लिए पानी कभी बस्ती मोड़, तो कभी गोला बाजार में स्थित थाना परिसर से लाना पड़ता है. पहले का लगा पाइप उखाड़ लिया गया और अब तक नया पाइप नहीं बिछाया गया है. यहां पर नगर निगम के सभी अधिकारी हैं. लेकिन, किसी से कहने पर कोई सुनता तक नहीं है. केवल इधर से उधर भेजकर परेशान करते हैं. जमील ने कहा कि शहर में बहुत पहले हुए दंगे में हाथ और पेट में चोट लगी थी. एक हाथ काम नहीं करता है. इसलिए पानी भरने के लिए थैला लेकर जाता हूं.
कंपनी पर कार्रवाई भी नहीं कर रहे नगर आयुक्त
मेयर प्रतिनिधि और मौके पर मौजूद पार्षदों ने नगर आयुक्त पर आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों से वह बुडको की शहरी नल-जल योजना को संरक्षण दे रहे हैं. इस योजना को लेकर निगम की बैठकों में कई बार सवाल खड़े किये गये, जिसको लेकर नगर आयुक्त की ओर से योजना पूर्ण कराने की तिथि मार्च में हुई बोर्ड की बैठक में बतायी गयी थी कि 31 मार्च 2024 तक काम हो जायेगा. इसके बाद भी कार्य पूरा नहीं हुआ. हालांकि इस पर कार्रवाई करने के लिए भी मेयर काजल कुमारी कई बार पत्र लिख चुकी हैं. लेकिन, इनके पत्र पर नगर आयुक्त ने कोई संज्ञान नहीं लिया और पूरे शहरियों को इस भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझने के लिए छोड़ दिये हैं. पार्षदों ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर इस पर विचार नहीं होगा, तो अगली बार बड़ा आंदोलन किया जायेगा.क्या
कहते हैं नगर आयुक्त
इस संबंध में नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने कहा कि ग्राउंट वाटर लेवल में कमी आयी है. यह समस्या अमूमन सभी जगहों की है. निगम क्षेत्र में जहां-जहां ऐसी समस्या है, उसे दूर किया जा रहा है. वाटर वैट योजना का कार्यान्वयन वित्तीय अनियमितता होती. हालांकि, इस पर अभी तक विभाग का मार्गदर्शन अप्राप्त है. लेकिन, मार्च में इसके तहत कुछ जरूरी स्थानों पर वाटर वैट स्थापित किया गया है. टैंकरों से भी मांग के अनुसार पेयजल लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. बुडको अभी कई मुहल्लों में कार्य करा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है