सासाराम कार्यालय. जिले के इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के चर्चित नीतू प्रकरण मामला मामले में पुलिस अधिकारियों के दो अलग-अलग रिपोर्ट पर परिजन सवाल खड़ा करने लगे हैं. इस प्रकरण को लेकर ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन ने आगामी 10 जुलाई को अनुमंडल कार्यालय पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है, तो राष्ट्रीय समानता दल ने त्वरित न्याय नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. ज्ञातव्य हो कि इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के मिठोपुर गांव निवासी कमलेश कुमार ने इंद्रपुरी थाना में अपनी 19 वर्षीय बेटी नीतू कुमारी की गुमशुदगी का आवेदन 29 जून का दिया था. उसी दिन पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया. अपने आवेदन में कमलेश कुमार ने कहा था कि 27 जून की दोपहर नीतू किसी कार्य से घर के बाहर निकली जो अब तक वापस नहीं लौटी है.
दो अधिकारियों की अलग-अलग रिपोर्ट से उलझा मामला
इधर 28 जून को अगरेर थाना क्षेत्र के मोकर नहर पुल के पास से नीतू कुमारी का शव पुलिस ने बरामद किया. थाना की एसआई सुगंधा प्रियदर्शी ने अगरेर थाना कांड संख्या 77/24 दर्ज कराई, जिसमें कहा कि शव का बारीकी से निरीक्षण किया गया, तो पाया गया कि मृतका का मुंह से जीभ निकला हुआ है. तथा पूरा शरीर गर्दन के पास जख्म का निशान पाए. महिला के शव को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि महिला की हत्या कर शव को छुपाने या सत्य को छुपाने के लिए शव को हत्या कर अपराधियों द्वारा नहर के पानी में फेंक दिया गया है. मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा, तो एसपी ने मामले की जांच डीएसपी से कराई।.डीएसपी ने एसपी को सौंपी जांच रिपोर्ट में कहा कि प्रेम प्रसंग में युवती ने नहर में कूदकर आत्महत्या की है. इस मामले में एक युवक की गिरफ्तारी भी की गई है. डीएसपी की जांच रिपोर्ट के बाद एसपी ने आत्महत्या प्रतीत होने की बात कहते हुए अनुसंधान जारी रहने की बात भी कही. अब सवाल यह उठता है कि खुद पुलिस की एक अधिकारी युवती की अज्ञात अपराधियों द्वारा हत्या व साक्ष्य छुपाने के लिए नहर में फेकने की बात कही और डीएसपी ने इसे आत्महत्या कह दिया. अब दोनों रिपोर्ट सवालों के घेरे में हैं. पुलिस की दो रिपोर्ट से भ्रमित मृतका नीतू के परिजन पुलिस पर मामले की लीपापोती का आरोप लगा रहे हैं. वहीं ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन ने पुलिस पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाते हुए, आगामी 10 जुलाई को डेहरी डीएसपी कार्यालय के समक्ष धरना- प्रदर्शन का ऐलान किया है. तो, राष्ट्रीय समानता दल के प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द सिंह कुशवाहा ने पुलिस की कार्यशैली को निंदनीय बताते हुए अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी करने और स्पीडी ट्रायल कर न्याय दिलाने के साथ पीड़ित परिवार को दस लाख रुपया मुआवजा देने की मांग प्रशासन से की है. उन्होंने कहा है कि जल्द न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन किया जायेगा. इधर विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन व कैंडल मार्च जारी है. इस कांड को लेकर विधायक, सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री के आने से यह मामला हाई प्रोफाइल बनता जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है