बिक्रमगंज. अनुमंडल अंतर्गत सूर्यपूरा थाना क्षेत्र के करमा गांव निवासी दिव्यांग युवक दीपू कुमार ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी और परिजनों से वाट्सएप पर ढाई लाख रुपये की फिरौती मांगी. लेकिन अंततः वह पुलिस की गिरफ्त में आया तो जो कहानी सामने आयी, जो बड़ी दिलचस्प निकली. अपहरण और फिरौती की सूचना से परेशान अपहृत दीपू के भाई सोनू सिंह ने सूर्यपुरा थाने में इसकी लिखित सूचना दी. आवेदन में सोनू सिंह ने पुलिस को बताया कि उसका भाई दीपू सिंह (27) एक पैर से दिव्यांग है. वह अपने दिव्यांग पैर में कृत्रिम पैर लगवाने जयपुर जाने को बोल कर घर से निकला. लेकिन, उसी दिन ट्रेन से उसका अपहरण कर लिया गया है. इसकी जानकारी अपहृत दीपू के फोन से हुई. आवेदक ने बताया कि मेरे भाई के वाट्सएप से मुझे मैसेज आया है कि आपका भाई अपहृत है और अगर आप चाहते हैं कि आपका भाई सही सलामत घर लौट जाये, तो आप ढाई लाख रुपये का इंतजाम कीजिए. उसी दिन से मेरा पूरा परिवार परेशान है. करमा गांव निवासी सोनू सिंह के इस आवेदन पर पुलिस गंभीर हुई और डीएसपी कुमार संजय के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी. इसको सूर्यपुरा थाना प्रिया कुमारी ने लीड किया और काफी भाग-दौड़ के बाद दिव्यांग युवक को झारखंड के कोडरमा स्टेशन पर ट्रेन से बरामद किया गया. गौरतलब है कि पांच जुलाई को जयपुर जाने के लिए निकला दिव्यांग दीपू के अपहरण की प्राथमिकी सूर्यपुरा थाने में दर्ज हुई और उसे सात जुलाई की रात कोडरमा से बरामद किया गया.
बदलता रहा लोकेशन
मामले का खुलासा करते हुए डीएसपी कुमार संजय ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस को दीपू का पहला लोकेशन बक्सर स्टेशन पर नजर आया. वहां वह अकेले स्टेशन पर टहलता हुआ नजर आया. इस वीडियो से पुलिस को यह संतुष्टि हो गयी कि युवक का अपहरण नहीं हुआ है और उसने अपनी झूठी कहानी गढ़ी है. लेकिन, जब तक उसकी बरामदगी नहीं होती, पुलिस भी परेशान थी. पुलिस ने अभियान तेज किया, लेकिन दिव्यांग युवक ट्रेन पकड़ कर इधर से उधर भागता रहा. युवक का दूसरा लोकेशन मुगलसराय में नजर आया. जब पुलिस वहां पहुंची, तो उसका लोकेशन रांची बताने लगा. वहीं से पुलिस ने ट्रेन में निगरानी बढ़ा दी और रांची से लौटते हुए उसे कोडरमा स्टेशन से ट्रेन में ही बरामद कर लिया. दिव्यांग युवक की बरामदगी के बाद जो कहानी सामने आयी, वह इस प्रकार है. दिव्यांग युवक दीपू को मोबाइल पर जुआ वाला गेम खेलने की लत लगी हुई थी. इसके कारण वह कर्ज में दबा था, जिससे निजात पाने के लिए उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी. लेकिन वह अंततः पकड़ा गया. डीएसपी ने बताया कि पुलिस कानून की नयी धाराओं में अपहरण की झूठी खबर देने की प्राथमिकी दर्ज करेगी और इसे न्यायिक हिरासत में भेजेगी. इस मौके पर सूर्यपुरा थानाध्यक्ष प्रिया कुमारी और अपहृत दिव्यांग युवक दीपू कुमार मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है