साराम कार्यालय. संझौली के डॉ गौरव कुमार अभिषेक के साथ जो बर्बरता पुलिस ने की है, उसकी जितनी निंदा की जाये कम है. इस कांड में एसआइ को निलंबित करने से कांड की वीभत्सता कम नहीं हो रही है. उच्च अधिकारियों को डॉक्टरों की सुरक्षा और पुलिस को कंट्रोल करने के लिए नजीर पेश करनी होगी. इसके लिए एसआइ शिवम कुमार को बर्खास्त करना चाहिए. ये बातें बुधवार को सत्य प्लेस में आयोजित आइएमए की प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष डॉ सचिन कुमार कुशवाहा ने कहीं. उन्होंने कहा कि हम 90 दिनों तक इंतजार करेंगे कि पुलिस अपनी कार्रवाई में डॉक्टर के साथ हुई बर्बर घटना और डॉक्टर के बयान के अनुरूप धाराओं के तहत एसआइ के विरुद्ध कार्रवाई करती है या नहीं. अगर कांड के अनुरूप धाराओं को नहीं जोड़ा जाता है और 90 दिनों के अंदर कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो आइएमए आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इस कांड में थाने के प्रभारी अध्यक्ष सहित अन्य कर्मियों की भूमिका भी अच्छी नहीं रही है. जो दर्शाता है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बने कानून का इन पर कोई असर नहीं है. वहीं, आइएमए के जिला सचिव डॉ अमित कुमार ने कहा कि हम हतप्रभ और भयभीत हैं कि जिस पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वही इस तरह का बर्बर कांड करेगा. इस तरह की प्रवृत्ति को रोकना होगा. इसके लिए समाज के सभी वर्ग और बड़े अफसरों को इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए कार्रवाई करनी चाहिए. मौके पर पूर्व सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी, पूर्व डीएस डॉ श्री भगवान सिंह, डॉ ए बहादुर, डॉ आंबेडकर रंजन, डॉ गिरीश नारायण मिश्रा, डॉ स्वप्निल तिवारी, डॉ संजय तिवारी, डॉ आकाश कुमार अम्बठ, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ अजय कुमार आदि थे.
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