सासाराम नगर. नगर निगम का बुलडोजर चला, तो लोगों का गुस्सा भी फूटा. अमरा तालाब पर शौचालय निर्माण को लेकर हुई कार्रवाई के बाद सुरेंद्र शर्मा की पत्नी ने बोला हमार टूटल त सबके अतिक्रमण टूटे. मुंह देख-देख के अतिक्रमण हटावल बंद कर. हम पइसा ना देनी त हमार तोड़ देवल गईल. सोमवार की देर शाम निगम के बुलडोजर ने बिहार सरकार में बने करीब 10 से अधिक दुकानों पर ध्वस्त किया. अपने गिरते रोजगार को बेबस दुकानदार देखते रहे. कुछ ने रोकने का प्रयास जरूर किया. लेकिन, पुलिस के सामने उनकी नहीं चली. बुलडोजर चलने की सूचना लोगों ने मेयर काजल कुमारी को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंचीं मेयर ने सासाराम प्रखंड के अंचलाधिकारी को फोन कर पूछा कि किसकी अनुमति से आपने अतिक्रमण हटाया है. पूरे शहर में अतिक्रमण है, जिसको हटाने का निर्देश दिया गया है. लेकिन, उस पर कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में आपने किसके आदेश से अतिक्रमण हटवाया है? इसको लेकर फोन पर ही सीओ ने बताया कि वहां शौचालय का निर्माण निगम से होनेवाला है. नगर आयुक्त ने इस संबंध में निर्देश दिया था. इसलिए अतिक्रमण हटाया गया है. इस पर मेयर ने कहा कि आपको कैसे पता कि यहीं पर शौचालय बनाना है? शौचालय यहां से 500 मीटर से अधिक दूर बनाया जाना है, जिसका स्थल चिह्नित किया गया है. इनके अलावा मौके पर मौजूद मेयर प्रतिनिधि विवेक कुमार उर्फ डब्लू भइया ने पीड़ित को कहा कि आपके साथ बदले की कार्रवाई की गयी है. आप फिर से अपना घर बनाइए. देखते हैं इस बार कौन तोड़ेगा? पुलिस केवल गरीबों को डराने-धमकाने का कार्य कर रही है.
15 अप्रैल को दुकानदारों ने मेयर के सामने रखी थी अपनी व्यथा
अतिक्रमण पर कार्रवाई सोमवार को हुई. लेकिन, इसके पहले ही दुकानदारों को नोटिस दिया गया था, जिसको लेकर दुकानदारों ने नगर आयुक्त से गुहार लगायी थी कि हमारे ऊपर बदले की कार्रवाई हो रही है. दुकानदारों ने 15 अप्रैल को प्रेसवार्ता में बताया था कि शहर के अमरा तालाब पर चिह्नित कर दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस भेजा गया है. अमरा तालाब के करीब नौ फुटपाथी दुकानदार प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे, जिसमें शामिल सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मेरी दुकान सरकारी जमीन पर है. निगम जब बोलेगा मैं हटा लूंगा. लेकिन, मेरे आसपास की वैसी सभी दुकानों को हटाया जाये, जो सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर संचालित हो रही हैं. साथ ही उन्होंने वार्ड संख्या-44 की पार्षद केला देवी के पुत्र सरोज कुमार गुप्ता पर अतिक्रमण नहीं हटाने के एवज में पैसे मांगने का आरोप भी लगाया था. हालांकि, इनकी नहीं सुनी गयी और मेयर की बातों को भी अनसुना कर दिया गया और अतिक्रमण हटा दिया गया.
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