17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मदर्स दिवस : मां ने माधव की प्रतिभा को दिया बल, आज जीत चुका है कई मेडल

जिले के कोचस प्रखंड स्थित सरेयां गांव के माधव मिश्रा आज मैकेनिकल इंजीनियर के साथ राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर भी हैं. वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां कलावती देवी को देते हैं.

सासाराम ऑफिस.

जिले के कोचस प्रखंड स्थित सरेयां गांव के माधव मिश्रा आज मैकेनिकल इंजीनियर के साथ राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर भी हैं. वह अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां कलावती देवी को देते हैं. माधव की मां कलावती गृहिणी हैं और उन्होंने अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए काफी सहयोग और हौसला दिया. कलावती बताती हैं कि बेटे को बचपन से बॉक्सिंग का शौक था, जिसे पूरा करने के लिए उसे परिवार के सहयोग की जरूरत थी. जब वह वर्ष 2014 में सातवीं कक्षा में था, तब पढ़ाई के साथ-साथ उसकी बॉक्सिंग ट्रेनिंग भी शुरू करा दी. कोच नरेंद्र सिंह यादव ने उसे प्रशिक्षण देना शुरू किया. वर्ष 2014 में माधव पहली कोशिश में ही राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का हिस्सा बना व जिले के लिए मेडल लाया. उसे खेल के साथ पढ़ने का भी शौक था और 2019 में आइआइटी जेइइ क्लियर कर लिया और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिल गया. माधव मिश्रा बताते हैं कि वह अपनी मां को देख कर हमेशा मोटिवेट होते हैं. उसकी वजह से ही मुझे पढ़ाई और खेल दोनों में हौसला मिलता था.

माधव बताते हैं कि उन्हें वर्ष 2019 में इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी जगह मिली. परीक्षा के कारण अभ्यास कम होने की वजह से हार का सामना करना पड़ा. फिर नेशनल कोच व गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ तिलक राज मीणा का साथ मिला. 2020 में नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) जीता और उसके बाद लगातार तीन साल 2020, 2021, 2022 मिलाकर सात बार राष्ट्रीय लेवल पर प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक कुल 15 मेडल प्राप्त हुए. बचपन में मां ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और साथ दिया, जिसकी बदौलत यहां खड़ा हूं. जब भी कोई सम्मानित करता है, उस वक्त मां का चेहरा सामने आ जाता है. रेलवे बिलासपुर में मेरी बॉक्सिंग की ट्रेनिंग जारी है. मुझे अपने जिला रोहतास, अपने राज्य और अपने राष्ट्र को ज्यादा से ज्यादा मेडल दिलाना है. इस ऊर्जा की वजह मेरी मां है. इधर, कलावती बताती हैं कि उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा अपनी रुचि के अनुरूप अपना कैरियर चुने, आज वह पूरा होता दिख रहा है. इससे अधिक एक मां को क्या चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें