14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकारी अस्पतालों में बिना मोबाइल के नहीं होगा इलाज

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचने वाले गरीब मरीजों को अब मोबाइल के साथ आना होगा. अगर उनके पास मोबाइल नहीं होगा, तो उनका ओपीडी में इलाज नहीं हो पायेगा.

सासाराम नगर.

सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचने वाले गरीब मरीजों को अब मोबाइल के साथ आना होगा. अगर उनके पास मोबाइल नहीं होगा, तो उनका ओपीडी में इलाज नहीं हो पायेगा. सदर अस्पताल में इलाज से पहले पर्ची कटाने की नयी व्यवस्था लागू कर दी गयी है. मरीज घर बैठे अपना नंबर लगा सकते हैं. पोर्टल पर निबंधन करने के बाद उनके मोबाइल नंबर पर एक टोकन नंबर आ जायेगा. उसी टोकन नंबर को यहां पर्ची काउंटर पर बताना होगा, जिसके बाद आपकी पर्ची निकाल दी जायेगी. हालांकि, इन अस्पतालों में पहुंचने वाले 20 प्रतिशत से अधिक मरीजों के पास मोबाइल नंबर अब भी नहीं है. ऐसा में उनका इलाज नहीं हो पायेगा और उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ेगा. वहीं, जिनके पास मोबाइल है और वह घर पर छोड़कर चले आये हैं, तो उनकी भी पर्ची नहीं निकल पायेगी. हालांकि, इन सबके बीच एक सुविधा जरूर मिली है. अगर मरीज के पास एक वर्ष पुरानी भी पर्ची होगी, तो उनके इलाज के लिए नयी पर्ची निकाली जा सकती है.

पर्ची काउंटर से भीड़ कम करने की कवायद

इस सुविधा को पर्ची काउंटरों पर से भीड़ कम करने को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर शुरू किया गया है. लेकिन, कुछ लोगों के लिए परेशानी बनकर यह सामने आयी है. इस सुविधा से सरकारी अस्पताल में दिखाने से पहले घर बैठे मरीज ओपीडी के लिए नंबर लगा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपने एंड्रायड मोबाइल फोन में भाव्या एप इंस्टॉल करना होगा. इसमें अपनी सभी सूचनाएं देनी होगी, जिसके बाद टोकन नंबर जेनरेट होगा. इसी टोकन नंबर को काउंटर पर बताना होगा और आपकी पर्ची निकल जायेगी. अगर आपसे यह नहीं हो पा रहा है, तो सदर अस्पताल के काउंटरों के बाहर कुछ ऑपरेटरों की ड्यूटी लगायी गयी है, जो आपके सभी डिटेल्स को भरकर टोकन नंबर जेनरेट कर दे रहे हैं. साथ ही लोगों को बता भी रहे हैं कि खुद से कैसे करना है.

वैकल्पिक सुविधा नहीं

मंगलवार को सेकेंड शिफ्ट में ओपीडी का निरीक्षण करने पहुंचे सीएस डॉ मणिराज रंजन ने कहा कि सदर अस्पताल के ओपीडी के सेकेंड शिफ्ट में भी मरीजों की अच्छी भीड़ रह रही है. उनके इलाज के लिए डॉक्टर सहित अन्य नर्सिंग स्टाफ भी मौजूद है. अन्य सुविधाओं को भी देखा जा रहा है, जो कमियां पायी जायेंगी, उसे दूर करने का प्रयास किया जायेगा. सीएस से जब स्कैन एंड शेयर के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि फिलहाल कोई उपाय नहीं है, जिनके पास मोबाइल नंबर नहीं है. उनके लिए राज्य सरकार ने अब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें