सासाराम नगर. अप्रैल 2023 को नगर निगम में बतौर नगर आयुक्त बनकर आये यतेंद्र कुमार पाल निगम के कार्यों को लटकाने में माहिर हो चुके हैं. उनकी इस लेटलतीफी की वजह से निगम के कई अहम निर्णय खटाई में पड़े हुए हैं. यह कहना है मेयर काजल कुमारी का. उन्होंने कहा कि शहर की सफाई के लिए निगम के पास पर्याप्त उपकरण नहीं है, जबकि इसकी खरीदारी करने का निर्णय बोर्ड की दो बैठकों में लिया गया था. निगम की पहली बैठक एक फरवरी 2023 को हुई थी, जिसके एजेंडे में सफाई व्यवस्था रखी गयी थी. इसी बैठक में उपकरण खरीदने का निर्णय लिया गया था. हालांकि, इस निर्णय के आलोक में फरवरी 2024 में कुछ उपकरणों की खरीद की गयी है. वहीं, 27 सितंबर 2023 को हुई बोर्ड की बैठक में एक बार फिर उपकरण खरीदने का निर्णय लिया गया, जिसकी संख्या भी निर्धारित की गयी थी. लेकिन, इस निर्णय के आलोक में अब तक खरीदारी नहीं हुई है. ऐसे में पांच जोनों में विभक्त निगम की सफाई व्यवस्था पर असर दिख रहा है. इस संबंध में नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने बताया कि चुनाव बाद उपकरणों की खरीद की जायेगी. फिलहाल किसी तरह मैनेज कर सफाई करायी जा रही है.
निगम के जोनों में सफाई का बुरा हाल
निगम की सफाई पांच जोनों में बांटकर शुरू की गयी है. आदर्श आचार संहिता लगने से पहले जोन तीन व चार की सफाई एजेंसियां इकरारनामा कर सफाई के कार्य में लग गयी हैं. वहीं जोन एक, दो और पांच के सफाई का कार्य निगम के पास है. ऐसे में निगम के जोनों में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है. निगम ने अपने उपकरण एजेंसियों को किराये पर दे दिया है, जिससे सफाई व्यवस्था बाधित हो रही है.
फरवरी में 126 उपकरणों की खरीद का हुआ था निर्णय
फरवरी में हुई बोर्ड की पहली बैठक में 126 उपकरणों की खरीद का निर्णय लिया गया था, जिसमें एक बड़ा जेसीबी, दो छोटा जेसीबी, टेम्पू तीन चक्का 20, हाथ ठेला 100, एक स्वींगींग मशीन, एक पोकलेन मशीन, एक इलेक्ट्रिक लिफ्ट खरीदने का निर्णय हुआ था, जिसमें फरवरी 2024 में एक पोकलेन मशीन, दो छोटा जेसीबी की खरीदारी हुई. लेकिन, अन्य उपकरणों की खरीदारी नहीं हुई. इसके बाद सितंबर 2023 में भी उपकरणों की कमी को देखते हुए बोर्ड ने 44 उपकरण खरीदने का निर्णय लिया था, जिसमें एक सुपर सकर मशीन, 15 ट्रैक्टर, 10 पानी टैंकर, दो कॉम्पेक्टर, 12 फॉगिंग मशीन और चार अदद छोटी सीवरेज सेक्सन मशीन खरीदने का निर्णय लिया गया था. लेकिन, मार्च तक खरीदारी नहीं हुई और अब आदर्श आचार संहिता समाप्त होने का इंतजार हो रहा है. इन छह माह में नगर आयुक्त स्थिति को देखते हुए भी उपकरणों की खरीदारी नहीं कर पाये और अब चुनाव समाप्त होने के बाद खरीदारी करने की बात कह रहे हैं. इस मामले में मेयर काजल कुमारी ने कहा कि यह निगम के विकास को प्रभावित कर रहे हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने केवल नगरपालिका अधिनियमों का उल्लंघन किया है और खुद को सर्वोपरि मानने में अपना समय व्यर्थ कर रहे हैं. कार्यों को बेवजह लंबित रख निगमवासियों को परेशान कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है