नासरीगंज. नगर पंचायत स्थित पीएचसी सह रेफरल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं होने से गरीब महिलाओं को जांच के लिए निजी जांच केंद्र में जाकर मनमानी कीमत देनी पड़ती है. सभी गर्भवती महिलाओं की प्रत्येक महीने की नौ तारीख को विशेष जांच की जाती है. डॉक्टर एवं प्रशिक्षित एएनएम द्वारा जांच की जाती है. गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली, कैल्शियम सहित कई तरह की दवा भी नि:शुल्क दी जाती है. महिला की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड व इसीजी मशीन जरूरी मानी जाती है. बच्चे की स्थिति व उसके विकास को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड जरूरी है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व विशेष जांच के लिए प्रधानमंत्री कोष द्वारा अलग से राशि मुहैया करायी गयी है. लेकिन, नासरीगंज पीएचसी सह रेफरल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं है. रेफरल अस्पताल में हर महीने सैकड़ों महिलाओं की अंदाज पर जांच करके उन्हें दवा दी जाती है. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इससे अनभिज्ञ है. वहीं, नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र में बिना लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता है. इससे निजी अल्ट्रासाउंड वाले नजराना देकर खुलेआम गरीब महिलाओं से मोटी रकम लेकर अल्ट्रासाउंड करते हैं.
क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
इस संबंध में पीएचसी सह रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनके आर्या का कहना है कि उपलब्ध संसाधनों के द्वारा सुरक्षित मातृत्व के लिए महिलाओं की कई तरह की जांच की जाती है. पीएचसी में अल्ट्रासाउंड की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके लिए हमने जिले से मांग की है. अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक भी चाहिए. प्रखंड में तीन ही वैध अल्ट्रासाउंड क्लिनिक हैं. इनमें चांदनी अल्ट्रासाउंड, नेशनल अल्ट्रासाउंड और गया नर्सिंग होम इटिम्हा शामिल है. शेष जो भी अल्ट्रासाउंड चल रहे हैं, सभी अवैध हैं. इसकी समय-समय पर जांच कर कार्रवाई भी की जाती है. अल्ट्रासाउंड के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी को लिखा गया है. फिलहाल अनुमंडल स्तर पर अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था है.
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