कोचस. प्रखंड के 39 किसानों को बेवजह खेतों में पड़े डंठल में आग लगाना महंगा पड़ा है. वैसे किसानों को चिह्नित कर प्रशासन ने उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के 39 किसानों का फसल अवशेष (पराली) जलाने के आरोप में उनका निबंधन रद्द करने की कार्रवाई करते हुए 39 किसानों को अगले तीन साल तक कृषि विभाग से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है. इसके अलावा एक किसान के विरुद्ध पराली जलाने के आरोप में सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई करने के लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने सदर एसडीओ से अनुशंसा की है. इसकी जानकारी सीओ विनीत व्यास ने दी. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से पराली जलाने पर पूर्णतः रोक लगायी गयी है. जागरूकता के बाद भी ऐसे अधिकतर किसान हार्वेस्टिंग के तुरंत बाद बेवजह खेतों में पड़े डंठलों को जलाने से बाज नहीं आ रहे थे. ऐसे किसानों की लापरवाही के कारण कई जगहों पर हुई अगलगी में जान-माल की क्षति के साथ किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. सीओ ने बताया कि कृषि विभाग व अंचलकर्मियों के संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गयी है. गौरतलब है कि पिछले दिनों डंठल में आग लगाने की वजह से हुई अगलगी की घटनाओं में सैकड़ों बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसलों के साथ जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा था.
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