बिक्रमगंज. बिक्रमगंज-डेहरी पथ पर रेलवे गुमटी के पास बुधवार की सुबह 10 बजे एक हरा-भरा सागवान का पेड़ बिना हवा के ही सड़क पर गिर गया. इसकी चपेट में आने से दो बाइक सवार बाल-बाल बच गये. इस संबंध में स्थानीय दुकानदार राजकुमार ने बताया कि जब बुधवार को सुबह 10 बजे यह पेड़ अचानक गिर गया. संयोग ठीक था कि कोई हताहत नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि अभी इसी महीने में 10 जुलाई को थोड़ी दूर आगे रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक सूखा जामुन का पेड़ गिर गया था. इसकी चपेट में आने से चौगाई गांव निवासी कृष्ण कुमार की मौत हो गयी थी. 15 जुलाई को नोनहर गांव में ब्रह्म बाबा के चबूतरे पर लगे विशाल पीपल की टहनी टूटने से 12 वर्षीय लवकुश कुमार की मौत हो गयी. इसके बावजूद वन विभाग को इसकी कोई चिंता नहीं. नगर में ही कई ऐसे पेड़ हैं, जो कभी भी किसी के लिए मौत का कारण बन सकते हैं. लेकिन इसको लेकर वन विभाग निष्क्रिय है. ऐसा लगता है जैसे वन विभाग लोगों की असमय मौत का इंतजार कर रहा है. इस संबंध में वन रेंज पदाधिकारी रूपम सिंह कहते हैं कि जहां-जहां पेड़ संदिग्ध है, उसकी पहचान कर ली गयी है. समय के साथ उसे काटा भी जा रहा है. लेकिन कुछ हरे-भरे पेड़ भी बिना किसी वजह से गिर जाते हैं. कारण पता चलता है कि उसकी जड़ें काफी कमजोर हो गयी हैं. हम लोग अब ऐसे पेड़ों की भी पहचान कर रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है