अशोक कुमार सिंह, अकोढ़ीगोला. काराकाट लोकसभा क्षेत्र में चुनाव दिलचस्प बनता जा रहा है. यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बनने लगे हैं. एक तरफ एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा उम्मीदवार हैं, तो दूसरी तरफ इंडी गठबंधन समर्थित भाकपा माले के उम्मीदवार राजाराम सिंह हैं. वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भोजपुरी गायक सह अभिनेता पवन सिंह चुनाव मैदान में डटे हैं. इन तीनों के अलावा 10 और प्रत्याशी विभिन्न दलों व निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं. दो बड़े गठबंधनों के बीच निर्दलीय पवन सिंह के उतरने से मुकाबला दिलचस्प बनता दिखने लगा है. दिलचस्प बात यह है कि उपेंद्र कुशवाहा इस क्षेत्र से एक चुनाव जीते हैं, तो दो चुनाव हार चुके हैं, जबकि राजाराम सिंह को इस क्षेत्र से लगातार हार मिली है. दोनों प्रत्याशियों के आचार-विचार को यहां की लगभग जनता जानती है. इन दोनों के बीच पहली बार भोजपुरी स्टार पवन सिंह की इंट्री हुई है. उपेंद्र कुशवाहा के साथ दल बदल की राजनीति का ठप्पा लगा है, तो राजाराम सिंह के साथ लाल सलाम का. अभिनेता से नेता बनने की कोशिश में जुटे पवन सिंह अपने स्टारडम को भुनाने में लगे हैं. उनके भी कार्यक्रमों व भ्रमण में दोनों राजनेताओं से कम भीड़ नहीं रह रही है. उपेंद्र को जातीय व साथी दलों के समीकरण व मोदी के चेहरा का भरोसा है, तो राजाराम को इंडी गठबंधन में दलों की भीड़ का भरोसा है. देखना है कि मतदान के दिन आते-आते जनता का मूड कैसा रहता है? किसे ताज पहनाती है?
दो चुनावों का आंकड़ा
वर्ष 2014 में एनडीए समर्थित रालोसपा प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को 3,38,892 वोट मिले थे. राजद प्रत्याशी कांति सिंह को 2,33,651 व जदयू प्रत्याशी महाबली सिंह को मात्र 76,709 वोट मिले थे. वर्ष 2019 में स्थिति बदल गयी थी. एनडीए से प्रत्याशी महाबली सिंह बने थे और महागठबंधन से उपेंद्र कुशवाहा. महाबली को 3,98,408 वोट मिले थे और उपेंद्र कुशवाहा को 3,13,866 वोट. वहीं, भाकपा माले प्रत्याशी राजाराम सिंह को 24932 वोट मिले थे. इन तीनों में महाबली सिंह मैदान में नहीं हैं, तो गठबंधनों के वोट से अंदाजा लगाया जा सकता है.ह
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है