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सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि, गांवों में अलर्ट जारी

प्रखंड क्षेत्र में सोन नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. इससे नदी के आसपास गांवों पर खतरा मंडराने लगा है. नदी के बढ़ते जलस्तर की सूचना पर सोन तटीय क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन ने हाइ अलर्ट जारी किया है.

नासरीगंज. प्रखंड क्षेत्र में सोन नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. इससे नदी के आसपास गांवों पर खतरा मंडराने लगा है. नदी के बढ़ते जलस्तर की सूचना पर सोन तटीय क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन ने हाइ अलर्ट जारी किया है. जलस्तर बढ़ने के बाद सीओ अंचला कुमारी ने प्रखंड क्षेत्र के सोन तटीय गांव हरिहरगंज, पडुरी, सबदला, जमालपुर, महादेवा आदि का निरीक्षण किया. इस दौरान सोन तट के किनारे रहनेवाले लोगों को हाइ अलर्ट करते हुए पूरी तरह से सतर्कता बरतने की अपील की. गुरुवार की शाम तक सोन नदी के कई हिस्सों में दोनों किनारों पर बाढ़ का पानी लबालब भर गया. उधर, सोन नदी के टीले में एक बार फिर से खेती करनेवाले लोगों पर संकट के बादल मंडराने लगा है.

थाने के पीछे स्थित सोन नदी तट पर बना जाफर शाहिद का मजार सोन तट के कटने के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. इसको बनाने के लिए जदयू नेता रिजवान फिरदौस ने मुख्यमंत्री से मांग की हैं. इससे पहले विगत पांच अगस्त को सोन नदी के टीले पर बाढ़ के पानी में कई लोग फंस गये थे. उन्हें एसडीआरएफ की मदद से बाहर निकाला गया था. सीओ ने कहा कि जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ेगा, प्रशासन के द्वारा स्थिति पर निगरानी रखी जायेगी. प्रशासन की तरफ से सोन नदी तट पर रहनेवाले लोगों को चेतावनी दी गयी है कि वे सतर्क रहें और किसी भी आपातस्थिति में तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं. प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. लोगों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे.

तटीय इलाके के लोगों के रहने और खाने के लिए की गयी व्यवस्था :

सीओ ने कहा कि सोन नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कोई भी व्यक्ति सोन नदी के किनारे न जाएं और न ही कोई क्रिया-कलाप करें. बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयार है. अतिमी पंचायत के मध्य विद्यालय महादेवा व कैथी पंचायत के मध्य विद्यालय कच्छवां में सोन तटीय इलाके के लोगों के रहने और खाने के लिए व्यवस्था की गयी है. अगर सोन नदी में बाढ़ आयेगी, तो सोन नदी के किनारे बसे लोगों को रहने के लिए पहले से ही व्यवस्था की गयी है, ताकि उन लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. इसके अलावा गोताखोर और नाव की व्यवस्था भी की गयी है. सोन नदी में बाढ़ आने पर सोन नदी के किनारे बसे गांवों में पडूरी, अमियावर, भरकोल, हरिहरगंज, महादेवा, मंगराव, खिरियांव, कैथी, कच्छवां, सवारी गांव के लोग प्रभावित होते हैं.

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