बिक्रमगंज. 21 साल पहले 20 जुलाई 2003 को मृत बैजयंती देवी पर खेत से जबरन गेहूं काटने की कांड सं.-207/24 के तहत 18 अप्रैल 2024 को प्राथमिकी दर्ज हुई. मजे की बात कि केस के अनुसंधानकर्ता ने अपनी केस डायरी में मृत महिला को आरोपित भी साबित कर दिया. यह वाकया काराकाट थाना क्षेत्र के ईटढीया गांव निवासी अजय सिंह के साथ हुआ है, जिनकी पत्नी मृतका बैजयंती देवी है. मामले का खुलासा तब हुआ, जब मृत महिला के पति चिरैयाडीह गांव निवासी अजय कुमार सिंह ने न्यायालय में अपनी पत्नी की मृत्यु का शपथ पत्र दिया. हालांकि, इस संबंध में इस केस के अनुसंधानकर्ता संजीव कुमार और थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी का कहना है कि आवेदन के अनुसार प्राथमिकी तो किसी पर भी दर्ज हो सकती है. लेकिन, चार्जशीट से पहले मामला पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए. उन्होंने डायरी में नाम सत्यापित करने के संबंध में कहा कि डायरी रफ है, उसमें अभी सुधार करना बाकी है. इधर, मृत महिला के पति अजय कुमार सिंह ने बताया कि इटढिया गांव निवासी श्रीकांत तिवारी और रजनीकांत तिवारी ने एक झूठे मुकदमे में मेरे परिवार के कुल 18 लोगों पर केस दर्ज कराया गया है. इनमें 10 पुरुष और आठ महिलाओं को आरोपित बनाया गया है. इसी आठ महिलाओं में मेरी पत्नी बैजयंती देवी भी शामिल है. उसकी मृत्यु 20 जुलाई 2003 को हो गयी थी. उन्होंने कहा कि जिस खेत में लगे गेहूं को जबरिया काटने की प्राथमिकी हम लोगों पर दर्ज करायी गयी है, उस खेत को मेरे बड़े पिता सिपाही सिंह ने यदुवंश तिवारी से 1991 में खरीदा था. उस समय यदुवंश तिवारी ने चकबंदी से अपने हिस्से से बंटवारे का कागजात दिखाया था. अब वे लोग कहते हैं कि यह भूमि यदुवंश तिवारी के हिस्से की नहीं है. इतने दिनों के बाद भूमि पर विवाद किया गया. मामला किस तरह फर्जी है, इसका सत्यापन इसी से होता है कि मेरी मृत पत्नी बैजयंती देवी का नाम भी खेत काट कर गेहूं ले जाने में लगा दिया.
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