सासाराम नगर. टीबी संक्रमण को जड़ से मिटाने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है. साथ ही साथ टीबी से पीड़ित मरीजों को खोज कर उनका इलाज किया जा रहा है, ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ कर टीबी फैलने से रोका जा सके. टीबी बीमारी से ग्रसित महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. खासकर टीबी से ग्रसित महिलाओं को गर्भधारण न करने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि टीबी से ग्रसित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ बच्चे पर दवा का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है. टीबी से ग्रसित लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है. ऊपर से महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान भी कई समस्या देखी जाती है. ऐसे में टीबी ग्रसित गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली दवा गर्भस्थ बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है. जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी से ग्रसित महिलाएं, जो गर्भधारण के लिए सक्षम है को इलाज के दौरान सलाह दी जाती है कि इलाज के दौरान गर्भधारण से बचें. क्योंकि, यह भ्रूण के लिए खतरनाक होता है. डॉ सिंह ने कहा कि यदि महिलाएं गर्भधारण कर भी लेती हैं, तो अपने खाने पीने का भरपूर ध्यान रखें. अधिक से अधिक पौष्टिक आहार लें, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित होती रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है