पटना. नौ हजार से अधिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में सोमवार से क्लास शुरू हो जायेगी. कोरोना संक्रमण के दौर में मार्च से बंद चल रहे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 10 महीने बाद पीरियड्स की घंटी बजेगी. 50% विद्यार्थी के ही क्लास में आने के लिए अनुमति दी गयी है.
हालांकि, ये स्कूल तब खुल रहे हैं, जब इसी महीने 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं हो रही हैं. इस बीच इन स्कूलों के प्राचार्यों ने बच्चों के बैठने की व्यवस्था का शत-प्रतिशत सैनिटाइज कराने का दावा किया है.
औपचारिक सूत्रों के मुताबिक सैद्धांतिक तौर पर सोमवार को 18 लाख से अधिक विद्यार्थियाें के स्कूल पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, व्यावहारिक तौर पर यह संख्या कम ही रहने वाली है.
दरअसल, एक दिन में 50% विद्यार्थी के ही क्लास में आने के लिए अनुमति दी गयी है. किस विद्यार्थी को सोमवार को और उसके बाद स्कूल आना है, इसकी सूचना देने का दावा भी स्कूल प्रबंधन कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि कक्षा नाै से 12 के बीच कुल विद्यार्थियों की संख्या 36.61 लाख से अधिक है. स्कूल खुलने के संबंध में प्राचार्यों की जवाबदेही अधिक है.
प्राचार्यों का कहना है कि कोरोना काल में खुलने वाली क्लास कुछ ही दिन लगेंगी, क्योंकि प्रायोगिक परीक्षा के चलते तकनीकी तौर पर एक हफ्ते भी क्लास संचालित होना मुश्किल जायेगा, क्योंकि शिक्षक खासतौर पर विज्ञान शिक्षकों की व्यस्तता दूसरी तरफ हो जायेगी.
शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार ने बताया कि कल से क्लास संचालित होंगी. सभी को गाइडलाइन की जानकार दे दी गयी है.
2019-20 के सत्र में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों की कुल संख्या- 3661942
छात्राओं की संख्या1858233
छात्रों की संख्या1803709
कक्षा 9 में कुल विद्यार्थी1307704
कक्षा 10 में कुल विद्यार्थी1295119
कक्षा 11 में कुल विद्यार्थी579591
कक्षा 12 में कुल विद्यार्थी479614
3300 पंचायतों में, जहां अभी तक हाइस्कूल नहीं था, वहां इस शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नौवीं कक्षा की पढ़ाई की औपचारिक तौर पर सोमवार से शुरू होने जा रही है.
सीएम नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन कर दिया था, लेकिन कोरोना के कारण प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन रुका हुआ था.
यहां नामांकन कराये जा चुके हैं, लेकिन अभी एक भी दिन पढ़ाई नहीं हुई है. दरअसल,इन स्कूलों में कक्षा आठ से प्रमोट किये गये बच्चे नामांकित हैं, जो पहली दफा अपने शिक्षकों से रू-ब-रू होंगे.
इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासों का संचालन किया जाना है. यह क्लास डिजिटल फॉर्मेट में लगनी हैं. इन स्कूलों में 55 एमएम की टीवी और दूसरी सुविधाएं मुहैया करायी जा चुकी हैं.
Posted by Ashish Jha